आजतक आप सभी ने कई किलों के बारे में पढ़ा या सुना होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसे किले के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानने के बाद आपको हैरानी होगी। यह किला पाकिस्तान में है और इस किले को दुनिया के सबसे बड़े किले के तौर पर जाना जाता है। वैसे हम जिस किले के बारे में बात कर रहे हैं वो है रानीकोट फोर्ट में है। इसे ‘सिंध की दीवार’ भी कहते है। यह किला 32 कि.मी के दायरे में फैला हुआ है और इसे दुनिया का सबसे बड़ा किला माना जाता है। आपको हम यह भी बता दें कि यह किला यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल है।

जी दरअसल साल 1993 में इसे पाकिस्तान के नेशनल कमीशन फॉर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा देने के लिए नामित किया गया था। आप सभी को यह भी जानने के बाद हैरानी होगी कि इस किले की दीवार की तुलना चीन की दीवार से की जाती है, जिसकी लंबाई 6400 किलोमीटर है। जी दरअसल इस किले के निर्माण को लेकर पाकिस्तान में कई तरह की बातें होती हैं। इसे लेकर कोई कहता है कि यह किला 20वीं सदी की शुरुआत में बना है तो कोई कहता है कि इस किले को सन् 836 में सिंध के गर्वनर रहे पर्सियन नोबल इमरान बिन मूसा बर्मकी ने कराया था, लेकिन असल में इसे किसने बनवाया था और क्यों बनवाया था, कोई नहीं जानता।
आपको हम यह भी बता दें कि रानीकोट फोर्ट में प्रवेश के लिए चार गेट है। जिन्हें सैन गेट, अमरी गेट, शाह-पेरी गेट और मोहन गेट कहते है। जी दरअसल इस किले के अंदर एक और छोटा सा किला है, जिसे ‘मिरी किला’ के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि इस किले के मौजूदा ढांचे का निर्माण मीर अली खान तालपुर और उनके भाई मीर मुराद अली ने वर्ष 1812 में करवाया था।
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