कानपुर। प्रदेश के पहले सोलर चार्जिंग स्टेशन का ट्रायल दिसंबर से शुरू होगा। ट्रायल के लिए आईआईटी कानपुर में दो सोलर चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इस स्टेशन में एक साथ चार कार, तीन ऑटो व तीन बाइक चार्ज हो सकेंगी। साथ ही जरूरत न होने पर इस चार्जिंग स्टेशन से बिजली सीधे ग्रिड को भी ट्रांसफर हो जाएगी। आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने ही स्मार्ट ग्रिड तकनीक पर आधारित इस सोलर चार्जिंग स्टेशन को विकसित किया है। ट्रायल की सफलता के बाद इसकी क्षमता में इजाफा किया जाएगा।
पर्यावरण को इकोफ्रेंडली बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स वाहन ही भविष्य की जरूरत हैं। ऐसे में चार्जिंग स्टेशन एक बड़ी चुनौती है। आईआईटी के वैज्ञानिकों ने दो साल की रिसर्च के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए एक स्टेशन विकसित किया है, जो सोलर से काम करता है। इस स्टेशन की खूबी है कि वह चार्जिंग नहीं करेगा तो क्षेत्र में बिजली आपूर्ति करता रहेगा। इस स्टेशन को इंडो-यूएस प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है। वैज्ञानिक इस ट्रायल में जानेंगे कि सौर ऊर्जा और बिजली की सप्लाई से वाहनों के इंजन पर क्या असर पड़ रहा है। कौन सी आपूर्ति से इंजन की उम्र बढ़ रही है। अभी ये सोलर चार्जिंग स्टेशन संस्थान में बने स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर के पास और नारामऊ की ओर बने गेट के पास बनाया गया है। संस्थान के स्मार्ट ग्रिड सोलर सेंटर के इंचार्ज प्रो.अंकुश शर्मा ने बताया कि स्टेशन में एल्गोरिदम और डाटा साइंस का इस्तेमाल किया गया है। अभी कुछ सिस्टम और विकसित किए जा रहे हैं, जिससे कंट्रोल पैनल को ऑटोमेटिक पता लग सके कि कब सप्लाई ग्रिड से दी जानी है और कब सोलर से।