हवा में बिखरने वाले पानी के कण बारिश की तरह काम करते हैं. हवा में मौजूद घात पदार्थ को यह नीचे लेकर आता है. यह डिवाइस किसी वाहन पर फ्रेम किया जा सकता है और शहर भर में इसका इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है. यह डिवाइस पानी को 50 मीटर की ऊंचाई तक स्प्रे कर सकता है. समाचार एजेंसी ने इसे बनाने वाले क्लाउड टेक के एग्जिक्युटिव सुशांत सैनी से बात कर ये जानकारी दी है. सोमवार को सचिवालय पर इसके परीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन मौजूद थे. अधिकारी बता रहे हैं कि इसके इस्तेमाल को शुरू करने से पहले और अधिक परीक्षण किए जाने की जरूरत है. इसके इस्तेमाल पर तकरीबन 20 लाख रुपये का खर्च आएगा.
बुधवार को, एंटी स्मॉग गन का परीक्षण आनंद विहार इलाके में किया जाएगा जो दिल्ली के सबसे प्रदूषित बॉर्डर में से एक है. अगर सरकार की तरफ से इसे हरी झंडी मिल जाती है तो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ये कारगर उपाय सिद्ध हो सकता है. बीते महीने दिल्ली में भारी स्मॉग देखा गया जिसके बाद देश की राजधानी को ‘गैस चैंबर’ का नाम तक दे दिया गया था.
डॉक्टरों ने इसे पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी घोषित की. हालांकि दिल्ली सरकार का मानना था कि पंजाब में किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली इसके पीछे वजह के रूप में है. दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन को फिर से शुरू करने का भी फैसला लिया था. सरकार ने इसके अतिरिक्त कमर्शियल ट्रकों पर पूरी तरह बैन, कंस्ट्रक्शन गतिविधि पर रोक और पार्किंग चार्ज पर 4 गुना की बढ़ोतरी जैसे फैसले भी लिए थे.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal