जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की खंडपीठ ने गुरुवार को बसों की कमी का संज्ञान लेते हुए कहा कि अदालत का यह फैसला अंतरिम है। चूंकि दिल्ली सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि वह इन बसों में हाईड्रालिक लिफ्ट लगवा लेगी, ताकि दिव्यांगों को कोई तकलीफ न हो।
सर्वोच्च अदालत दिल्ली सरकार और डीटीसी के दिल्ली हाईकोर्ट के एक जून के आदेश के खिलाफ अपील की सुनवाई कर रही थी। इस आदेश में बिना दिव्यांगों की सुविधा का ख्याल रखे दिल्ली सरकार को 2000 स्टैंडर्ड फ्लोर बसें खरीदने से रोक दिया था।
दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया है कि व्हील चेयर पर चलने वाले यात्रियों के लिए प्रत्येक बस में हाईड्रालिक लिफ्ट लगवा दी जाएगी। इसमें कुल लागत 80-90 करोड़ रुपये की आएगी।