दीवाली की शाम को दिल्ली-एनसीआर के लोगों को हफ्तों बाद के खराब वायु प्रदूषण से निजात मिली थी, लेकिन तीन दिन की राहत के बाद दिवाली की रात में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण फिर से गंभीर श्रेणी में चला गया। सुप्रीम कोर्ट के पटाखे फोड़ने पर बैन लगाने के बावजूद भी दिल्ली में जमकर पटाखे फोड़े गए। इससे राजधानी और इसके आस-पास के क्षेत्रों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पहुंच चुका है।
दिल्ली के प्रमुख इलाकों में लोग पटाखे फोड़ने के लिए जमा हो गए और पटाखे रविवार देर रात तक जले। हालांकि, गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में हुई बारिश के बाद वायु प्रदूषण के स्तर में कुछ हद तक सुधार हुआ था, लेकिन दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में आ गई।
दिल्ली के इन इलाकों में जमकर आतिशबाजी
दिल्ली के शाहपुर जाट, हौज खास, डिफेंस कॉलोनी, छतरपुर, ईस्ट ऑफ कैलाश, मंदिर मार्ग और पहाड़गंज उन कुछ इलाकों में शामिल हैं, जहां शाम 6 बजे के बाद जमकर आतिशबाजदी हुई। मोहल्ले और आसपास के बहुत से लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकले।
जश्न के नाम पर बच्चों को घुट-घुट कर जीने दे रहे हैं- पर्यावरणविद्
समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए, पर्यावरणविद् भावरीन कंधारी ने कहा, पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख पटाखों के धुएं में उड़ गया। चेतावनियों और पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद, जिम्मेदार अधिकारी एक बार फिर नाकाम रहे। इसपर आश्चर्य है कि सुप्रीम क्या रुख अपनाएगा।” अब कोर्ट का फैसला? हम जश्न के नाम पर अपने बच्चों को घुट-घुट कर जीने दे रहे हैं।”
आनंद विहार में 2000 तक पहुंचा पीपीएम
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के मुताबिक, आनंद विहार में, PM2.5 के स्तर की सांद्रता रविवार शाम 5 बजे तक 56 पीपीएमकी के भीतर अंदर थी, जो आधी रात को लगभग 2000 पीपीएम तक बढ़ गई। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को कहा था कि बेरियम युक्त पटाखों पर बान लगाने का उसका आदेश हर राज्य के लिए अनिवार्य होगा। कोर्ट का यह देश समूचे देश के लिए जारी किया गया था।
इन शहरों में एक्यूआई 300 पार
इसके अलावा देश के कई प्रमुख शहरों एक्यूआई बद से बदतर हो गया है। दिवाली के अगले दिन यानी सोमवार (13 नवंबर) को ओडिशा के भुवनेश्वर में एक्यूआई 340, कटक में 317,अंगुल में 306, बालासोर में 334, तालचेर में 352, बिहार के बेगुसराय में 381, भागलपुर में 336, गया में 311, पटना में 338, पूर्णिया में 338, राजगिर में 352, कटिहार में 315, राजस्थान के धौलपुर में 320, कोटा में 304, महाराष्ट्र के धुले में 316 पर पहुंच गया है।
क्या है एक्यूआई का पैरामीटर
गौरतलब है कि एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर स्थिती ‘अति गंभीर’ श्रेणी आ जाती है।