दिल्ली: विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस एयरपोर्ट का टी-1 तैयार

यहां से अगले माह विमानों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। टर्मिनल-2 से संचालित होने वाली सभी उड़ानों को यहां स्थानांतरित किया जाएगा।

विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस दिल्ली एयरपोर्ट का टर्मिनल-1 बनकर तैयार है। यहां से अगले माह विमानों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। टर्मिनल-2 से संचालित होने वाली सभी उड़ानों को यहां स्थानांतरित किया जाएगा। करीब 280 विमान इस टर्मिनल पर स्थानांतरित होंगे जिनमें अकासा व इंडिगो भी शामिल हैं।

प्रतिदिन 46,000 से अधिक यात्री यहां से आवागमन करेंगे। इसे पिछले साल मार्च में राष्ट्र को समर्पित किया गया था। योजना के तहत टर्मिनल-1 के आगमन और प्रस्थान टर्मिनलों को मिलाकर क्षेत्रफल 55,740 वर्गमीटर से बढ़ाकर 206,950 वर्गमीटर किया गया है।

दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने बताया कि 15 अप्रैल से एयरपोर्ट का टर्मिनल-1 पूरी तरह चालू हो जाएगा। यह यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने और हवाई यात्रा की बढ़ती मांग का समर्थन करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। टी-2 से वर्तमान में संचालित सभी उड़ानें टी-1 पर स्थानांतरित कर दी जाएंगी।

प्रत्येक यात्री को बेहतर सुविधा दी जाएगी। पिछले साल जून में इसी टर्मिनल की छत गिरी थी। हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 8 लोग घायल हुए थे। कई वाहन दब गए थे। इसके बाद इसे बंद कर फिर से निर्माण किया गया है। अब यह नए रूप में दिखेगा।

पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन
एयरपोर्ट के इस टर्मिनल को पर्यावरण अनुकूल डिजाइन किया गया है। टर्मिनल ग्रीन बिल्डिंग है जिसमें प्राकृतिक प्रकाश के व्यापक उपयोग के साथ पर्यावरण के प्रति जागरूक करने की पहल की गई है। विस्तारित पार्किंग और मीट एंड ग्रीट जोन भी है। प्राकृतिक प्रकाश ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र को रोशन करेगा। देशभर के पारंपरिक और लोककला चित्र पूरे टर्मिनल में लगा गए हैं। पुरानी और नई संरचनाओं को मिलाकर आकर्षक डिजाइन बनाने के साथ ही दो स्तरीय आगमन-प्रस्थान गेट बनाया गया है।

टर्मिनल-1 पर मिलने वाली यात्री सुविधाएं…
सभी प्रवेश द्वारों पर चेहरे की पहचान प्रणाली (डिजी यात्रा)।
सुरक्षा जांच के लिए 20 स्वचालित ट्रे रिट्रीवल सिस्टम (एटीआरएस)।
बैगेज हैंडलिंग के लिए व्यक्तिगत वाहक प्रणाली (आईसीएस)।
चेक-इन और स्वयं-सेवा के लिए 108 कॉमन यूसेज सेल्फ-सर्विस (सीयूएसएस) कियोस्क।
100 चेक-इन काउंटर, जिनमें 36 सेल्फ बैगेज ड्रॉप कियोस्क शामिल हैं।
यात्रियों के लिए 29 प्रवेश गेट बनाए गए हैं। शॉप और डाइन इन की सुविधा, जहां खानपान के साथ खरीदारी कर सकेंगे यात्री।
टर्मिनल पर आराम के लिए प्रार्थना कक्ष बनाया गया है। योग करने के लिए भी अलग से जगह बनाई गई है।
लाउंज, ग्रुप में बैठने के लिए जगह और लैपटॉप व मोबाइल चार्जिंग स्टेशन बनाए गए।
चिकित्सा कक्ष और शिशु देखभाल कक्ष का भी इंतजाम किया गया है।
आधुनिक सुविधाओं से लैस वॉशरूम की सुविधा।
आगमन और प्रस्थान दोनों समय मेट्रो से सीधा कनेक्शन।

बैगेज हैंडलिंग

10 बैगेज रिक्लेम कैरोसेल, प्रत्येक 70 मीटर लंबा, प्रतीक्षा समय कम हो जाएगा।
बैगेज हैंडलिंग क्षमता में वृद्धि, 3,240 से बढ़ाकर 6,000 बैग हर घंटे।
चेक-इन काउंटर बढ़ाकर पांच किए गए।

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