दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति योगेश त्यागी की कुर्सी खतरे में है. डीयू में प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर राष्ट्रपति ने उनके खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं. बतादें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से योगेश त्यागी के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी थी, जिसके बाद राष्ट्रपति ने इस मामले में जांच की अनुमति दे दी.
कुलपति के खिलाफ प्रशासनिक अनियमितताओं से जुड़े ढेरों मामले सामने आने के बाद रमेश पोखरियाल निशंक ने पिछले दिनों सख्त रूख दिखाते हुए उनके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कराने का फैसला लिया था. मंगलवार को राष्ट्रपति से अनुमति मिलने के बाद मंत्रालय ने कमेटी के गठन का काम भी शुरू कर दिया है.
प्रो वीसी और रजिस्ट्रार की नियुक्ति के बाद हुआ विवाद
दरअसल, कुलपति योगेश त्यागी ने मेडिकल अवकाश के दौरान ही विश्वविद्यालय में एक नए प्रो-वीसी और रजिस्ट्रार की नियुक्त कर दी थी. इस दौरान विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर के दाखिले की प्रक्रिया भी चल रही थी. अचानक लिए गए इस फैसले के बाद विश्वविद्यालय और टीचर्स के संगठनों में अव्यवस्था और असंतोष की स्थिति बन गई थी. बताया जा रहा है कि नए रजिस्ट्रार बनाए गए पीसी झा के खिलाफ भी मंत्रालय द्वारा जांच के आदेश दिए जा सकते हैं.
इस पूरे घटनाक्रम में नियुक्ति के कुछ घंटो बाद ही अंतरिम प्रति उपकुलपति पीसी जोशी ने पीसी झा पर अवैध रूप से रजिस्ट्रार के ऑफिस पर कब्जा करने का आरोप लगाया था. गौरतलब है कि कुलपति योगेश त्यागी 2 जुलाई को एम्स अस्पताल में आपातकालीन हालत में भर्ती हुए थे.