दिल्ली नगर निगम के नतीजे आने के बाद दिल्ली में जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है. इसी कड़ी में शुक्रवार को यहां हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा देखने को मिला. दोपहर से शुरू हुआ यह ड्रामा देर रात 2 बजे तक चलता रहा. दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष अली मेहदी पार्टी के 2 नए पार्षदों के साथ जहां शाम को आप में शामिल हुए तो रात होते-होते वह फिर से कांग्रेस में लौट आए. बता दें कि दिल्ली में अभी मेयर का चयन बाकी है जो चुने हुए पार्षदों और अन्य आधार पर चुने जाएंगे. ऐसे में अपना दावा मजबूत करने के लिए बीजेपी और आप ने पूरी ताकत झोंक दी है.
दरअसल, शुक्रवार सुबह दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष अली मेहदी ने अचानक एक ट्वीट किया और उसमें चुनाव के दौरान पार्टी से नाराजगी की बात बताई थी, लेकिन शाम को उन्होंने आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली. इस दौरान उनके साथ बृजपुरी वार्ड से कांग्रेस पार्षद नाजिया खातून और मुस्तफाबाद वार्ड से पार्षद सबिला बेगम ने भी आप जॉइन किया था.
इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस के मुस्लिम नेता भी एक्टिव हुए. कुछ घंटे बाद दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष अली मेहदी ने माफी मांगते हुए अपनी पुरानी पार्टी फिर से जॉइन कर ली. उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का कार्यकर्ता हूं. अली मेहदी के अलावा मुस्तफाबाद से पार्षद सबिला बेगम और बृजपुरी से नाजिया खातून भी फिर से कांग्रेस में शामिल हो गईं.
जाने क्यों बदलना पड़ा फैसला
दरअसल, अली मेहदी के कांग्रेस छोड़ आप में जाने की खबर जैसे ही सामने आई, वैसे ही मुस्तफाबाद एरिया में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. इसके अलावा पार्टी के कई बड़े मुस्लिम नेता भी नाराज पार्षदों को मनाने में जुट गए. इनमें इमरान प्रतापगढ़ी का नाम सबसे प्रमुख है.
बता दें कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव में इस बार AAP ने 250 में से 134 सीटों पर जीत दर्ज की है. बीजेपी को 104 वार्डों में जीत मिली है. कांग्रेस ने 9 सीटें जीती थीं. तीन सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया है.