मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि जिन जिलों में अधिक कोरोना पॉजिटिव केस आ रहे हैं, वहां कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाई जाए और फोकस टेस्टिंग की जाए। उन्होंने 5 प्रतिशत या उससे अधिक पॉजिटिव केस वाले जिलों में टेस्टिंग लक्ष्य की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कोविड-19 से रोकथाम संबंधी उपायों पर मंथन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं। इसलिए सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। बाहर से आने वाली प्रमुख ट्रेनों, हवाई जहाज और बसों के यात्रियों का भी रैंडम आधार पर एंटीजन टेस्ट किया जाए।
उन्होंने कहा कि सभी कोविड चिकित्सालयों में पर्याप्त स्टाफ, दवाएं, ऑक्सीजन, बेड और अन्य जरूरी उपकरणों की उपलब्धता रहे। इसकी नियमित मॉनिटरिंग भी की जाए। डॉक्टरों का राउंड लेने का समय नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जाए। सभी कोविड अस्पतालों में अलग से 1-1 अधिकारी तैनात किया जाए, जो सीसीटीवी फुटेज व वीडियो रिकॉर्डिंग चेक कर नियमित रूप से अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे। जिन जिलों में कोविड से मृत्यु के ज्यादा मामले आ रहे हैं, उनकी अलग से समीक्षा की जाए। मेरठ में मृत्यु के मामलों को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आलोक कुमार के नेतृत्व में टीम भेजने के निर्देश दिए।
बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आलोक कुमार और सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार समेत सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।