कोरोना संक्रमण से मौत के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए उतरी दिल्ली नगर निगम ने भी निगम बोध घाट (श्मसान) को शवों के अंतिम संस्कार के लिए पूरी रात खुला रखने का निर्णय लिया है।
रात 10 बजे तक सीएनजी से जबकि देर रात पहुंचने वाले शवों का लकड़ियों से अंतिम संस्कार किया जा सकेगा। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने सहित यहां पहुंचने वाले परिजन और कर्मचारियों के लिए पीपीई सूट पहनना अनिवार्य होगा।
सोमवार शाम छह बजे तक 35 कोरोना शवों का संस्कार किया गया। लगातार बिगड़ते हालात को देखते हुए निगम के आला अधिकारियों की टीम ने निगम बोध घाट का दौरा करने के बाद यह निर्देश दिए हैं।
इस कार्य में जुटे निगम की टीम के साथ साथ स्वयंसेवी संस्था से भी कहा गया है कि अंतिम संस्कार के दौरान किसी तरह की परेशानी न हो इसे ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी इंतजाम रखें।
शवों के अंतिम संस्कार के लिए तीन सीएनजी हैं जबकि शेष का लकड़ियों से अंतिम संस्कार किया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक रात 10 बाद तक सीएनजी के जरिये जबकि देर रात पहुंचने वाले शवों का लकड़ियों से अंतिम संस्कार किया जाएगा।
अंतिम संस्कार में शामलि होने वाले परिजनों के लिए भी पीपीई सूट पहनना अनिवार्य है। दो गज की दूरी बनाए रखने सहित सैनिटाइजेशन भी किया जा रहा है ताकि संक्रमण का खतरा न रहे।
पिछले कुछ दिनों से लगातार शवों के अंतिम संस्कार के इंतजाम में जुटे एक निरीक्षक खुद कोरोना को मात दे चुके हैं। बकौल इंस्पेक्टर कोरोना को मात देने के बाद अब उनकी ख्वाहिश है कि जिनकी मौत कोरोना की वजह से हुई है, उनके अंतिम संस्कार में किसी तरह की परेशानी न हो।
संक्रमण से जूझने के बाद खुद के ठीक होने से खुद को खुशकिस्मत मानते हैं, इसलिए अंतर म संस्कार के इस कार्य की देखरेख में पूरी तरह जुटे हुए हैं।