दिल्ली के विवेक विहार थाने एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां विवादों में रहने वाली धर्मगुरु राधे मां थाने के अंदर एसएचओ की कुर्सी पर दे दी गई हैं। इतनी ही नहीं कमरे में कुछ पुलिस वाले भी भक्त की मुद्रा में नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं थाने के अंदर जुटी भक्तों की भीड़ राधे मां की जय-जयकार कर रही थी। साथ ही एसएचओ संजय शर्मा भक्त की मुद्रा में हाथ जोड़े राधे मां के सामने खड़े दिखाई दे रहे है।
हाथ में त्रिशूल लेकर अपने भक्तों के बीच अजब-गजब मुद्रा को लेकर चर्चित राधे मां दिल्ली के विवेक विहार थाने में एसएचओ की कुर्सी पर बैठी नजर आईं। वहीं खाकी वर्दी की इज्जत से बेपरवाह एसएचओ संजय शर्मा भक्त की मुद्रा में हाथ जोड़े हुए है और वर्दी के ऊपर मातारानी की चुनरी डाल रखी थी।
एसएचओ को देखकर ऐसा लग रहा था मानो वो अपने कर्तव्यों के मंदिर यानी थाने में ना होकर किसी देवी के मंदिर में खड़े हों। जब थाने के मुखिया का ये हाल हो तो फिर दूसरे पुलिसवाले कैसे पीछे रहते। राधे मां का आशीर्वाद लेने के लिए वो भी कतार में लग गए। विवेक विहार थाने की ये तस्वीर नवरात्रि के दौरान महा अष्टमी की है।
इस बारे में जब एसएचओ से बात करने की कोशिश की गई, तो वो कन्नी काट गए। थाने के एक कांस्टेबल का कहना है कि राधे मां रामलीला में आई थी। काफी भीड़ जुटने की वजह से एसएचओ संजय शर्मा उन्हें थाने ले जाए। बताते चलें कि राधे मां दहेज उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न और धमकाने समेत कई तरह आरोपों से घिरी हुई हैं।
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हाल ही में संतों की एक संस्था ने उन्हें फर्जी संत घोषित किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि एक थाने में राधे मां के प्रति इतनी श्रद्धा कहां तक उचित है? उन्हें दारोगा की कुर्सी पर बिठाने की क्या जरुरत थी? हर कुर्सी की एक मर्यादा होती है, क्योंकि ये कुर्सी किसी व्यक्ति की नहीं है, बल्कि दिल्ली पुलिस के एक जिम्मेदार अफसर की है।
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