क्या आपको जानवरों से प्यार है या आप वाइल्ड लाइफ ट्रिप की प्लानिंग कर रहे हैं, तो दिल्ली का नेशनल जियोलॉजी पार्क आपके लिए बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है। नेशनल जियोलॉजी पार्क को चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है। आइए, जानते हैं चिड़ियाघर से जुड़ी हुई खास बातें। दिल्ली वन्य प्राणी उद्यान को ही चिड़ियाघर भी कहा जाता है। ये चिड़ियाघर एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में से एक है। हालांकि ये आधुनिक निर्माण है, जो दिल्ली जैसे प्राचीन नगर में काफी बाद में बनाया गया। इसका निर्माण 1951 में शुरू होकर 1959 में इसके उद्घाटन के साथ पूरा हुआ। इसे दिल्ली के पुराने किले के पास बनाया गया है। श्रीलंकन डिजाइनर ने की मदद इस चिड़ियाघर का डिजाइन श्रीलंका के मेजर वाइनमेन और पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने बनाया था। उन्होंने चिड़ियाघर का एक ड्राफ्ट तैयार किया था। जिसमें कई फेर-बदल बाद चिड़ियाघर के प्रारूप को मान्यता दे दी गई।

दिल्ली के मशहूर चिड़ियाघर का डिजाइन बनाया था श्रीलंका के नागरिक ने, जानें क्या है यहां खास इस जगह

क्या आपको जानवरों से प्यार है या आप वाइल्ड लाइफ ट्रिप की प्लानिंग कर रहे हैं, तो दिल्ली का नेशनल जियोलॉजी पार्क आपके लिए बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है। नेशनल जियोलॉजी पार्क को चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है। आइए, जानते हैं चिड़ियाघर से जुड़ी हुई खास बातें। क्या आपको जानवरों से प्यार है या आप वाइल्ड लाइफ ट्रिप की प्लानिंग कर रहे हैं, तो दिल्ली का नेशनल जियोलॉजी पार्क आपके लिए बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है। नेशनल जियोलॉजी पार्क को चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है। आइए, जानते हैं चिड़ियाघर से जुड़ी हुई खास बातें।     दिल्ली वन्य प्राणी उद्यान को ही चिड़ियाघर भी कहा जाता है। ये चिड़ियाघर एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में से एक है। हालांकि ये आधुनिक निर्माण है, जो दिल्ली जैसे प्राचीन नगर में काफी बाद में बनाया गया। इसका निर्माण 1951 में शुरू होकर 1959 में इसके उद्घाटन के साथ पूरा हुआ। इसे दिल्ली के पुराने किले के पास बनाया गया है।  श्रीलंकन डिजाइनर ने की मदद   इस चिड़ियाघर का डिजाइन श्रीलंका के मेजर वाइनमेन और पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने बनाया था। उन्होंने चिड़ियाघर का एक ड्राफ्ट तैयार किया था। जिसमें कई फेर-बदल बाद चिड़ियाघर के प्रारूप को मान्यता दे दी गई।

दिल्ली वन्य प्राणी उद्यान को ही चिड़ियाघर भी कहा जाता है। ये चिड़ियाघर एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में से एक है। हालांकि ये आधुनिक निर्माण है, जो दिल्ली जैसे प्राचीन नगर में काफी बाद में बनाया गया। इसका निर्माण 1951 में शुरू होकर 1959 में इसके उद्घाटन के साथ पूरा हुआ। इसे दिल्ली के पुराने किले के पास बनाया गया है।

श्रीलंकन डिजाइनर ने की मदद 

इस चिड़ियाघर का डिजाइन श्रीलंका के मेजर वाइनमेन और पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने बनाया था। उन्होंने चिड़ियाघर का एक ड्राफ्ट तैयार किया था। जिसमें कई फेर-बदल बाद चिड़ियाघर के प्रारूप को मान्यता दे दी गई।

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