आरोपी फर्जी समझौता पत्र के जरिये लोगों से सुरक्षा राशि हड़प लेते थे। आरोपी एनजीओ चलाता है।
आर्थिक अपराध शाखा ने खुद को मालिक बताकर लोगों को किराये और लीज पर मकान देने का झांसा देकर ठगी करने वाले एक आरोपी को उसकी महिला सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी फर्जी समझौता पत्र के जरिये लोगों से सुरक्षा राशि हड़प लेते थे। आरोपी एनजीओ चलाता है।
दोनों सौ से अधिक लोगों से करीब तीन करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। इस मामले में एक आरोपी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपियों की पहचान राजू सिंह और रीमा जायसवाल के रूप में हुई है।
आर्थिक अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अमृता गुगुलोथ ने बताया कि बुराड़ी निवासी सुखबीर सिंह ने साल 2023 में शाखा में ठगी की शिकायत की थी। उन्होंने रोहन सिंह नाम के एक व्यक्ति से बुराड़ी के लाल दरवाजा में एक फ्लैट किराये पर लिया था। इसके एवज में उनके बीच चार लाख रुपये का सुरक्षा समझौता हुआ था। शिकायतकर्ता ने रोहन सिंह को 3.88 लाख रुपये का भुगतान किया।
बाद में शिकायतकर्ता को पता चला कि यह मकान रोहन सिंह का नहीं बल्कि सुंदरेश्वर कुमार सुमन का है। शिकायत पर शाखा ने ठगी का मामला दर्ज कर लिया। इस दौरान आरोपी के खिलाफ सौ से ज्यादा पीड़ितों ने इसी तरह की शिकायत की। आरोपी ने लोगों से करीब तीन करोड़ रुपये की ठगी की थी। पीड़ितों ने बताया कि सुरक्षा राशि मांगने पर आरोपी ने गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि पूरे मामले के सरगना राजू सिंह और रीमा जायसवाल है। आरोपियों ने पीड़ितों को खुद को मकान मालिक बताकर सुरक्षा राशि के बदले पीड़ितों को संपत्ति लीज पर दे दी। पीड़ितों के आरोपों की पुष्टि के लिए पुलिस ने उनके बैंक खातों की जांच की।
उसके बाद पुलिस ने आरोपी रोहन सिंह को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन सरगना पहुंच से बाहर थे। पुलिस ने इनकी तलाश शुरू की। पुलिस ने तकनीकी जांच कर नत्थूपुरा निवासी आरोपी राजू और बुराड़ी निवासी रीमा जायसवाल को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया।
इनके कब्जे से पुलिस ने कई नकली समझौता पत्र बरामद किए हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी राजू सिंह एक एनजीओ चलाता है और रीमा जायसवाल इस मामले के तीसरे आरोपी रोहन सिंह की करीबी है। पुलिस आरोेपियों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है।