दाएं पैर की नस को बाएं से जोड़ा, डॉक्टरों ने कटने से बचाया पूरा पैर

तीन माह पहले खेतों में काम करने के कारण 70 वर्षीय महिला के पैर की अंगुलियों में केंदुआ (फंगल इंफेक्शन) हो गया था। बायां पैर का पंजा काला होकर सड़ने लगा था। पूरे शरीर में गैंगरीन का जहर फैलने लगा था। आंबेडकर अस्पताल के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआइ) में पहुंची इस महिला की प्राथमिक जांच में पता चला कि बीमारी का कारण वैस्कुलाइटिस (एओर्टा आर्टराइटिस) है।

पूरा पैर काटने की नौबत आ गई थी। बुधवार को एसीआइ में कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग ने एक्स्ट्रा एनाटामिक इलियो फिमोरल क्रॉस ओवर बायपास सर्जरी के जरिए दाएं पैर की नस को कृत्रिम नस के माध्यम से बाएं पैर की नस से जोड़ कर उसके पूरे पैर को कटने से बचा लिया। सिर्फ उसके बाएं पैर का पंजा काटा गया। डॉक्टरों ने बताया कि आंबेडकर अस्पताल में इस प्रकार की यह पहली सर्जरी है।

ब्लॉकेज के कारण बंद हो गया था बाएं पैर में रक्त प्रवाह

मरीज के बाएं पैर की मुख्य नस यानी इलायक आर्टरी और पिंडली की नस यानी पॉप्लीटियल आर्टरी में ब्लॉकेज था। इसके कारण बाएं पैर में रक्त का प्रवाह नहीं हो पा रहा था। डॉक्टरों का कहना है कि यदि यह ऑपरेशन नहीं करते तो मरीज के पैर को जांघ के पास से काटना पड़ता। ऑपरेशन के बाद बाएं पैर में भी रक्त प्रवाह प्रारंभ होने से मरीज की स्थिति सामान्य हो गई है। बताया गया है कि मरीज आरंग क्षेत्र की है।

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