नई दिल्ली: अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगी फारुक टकला की गिरफ्तारी के एक दिन बाद विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि वह दुबई में अपने मिशन से पता करने में जुटा है कि टकला ने कैसे पासपोर्ट हासिल कर लिया और उसको रिन्यू भी करा लिया. संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पित कराकर लाए जाने के बाद सीबीआई ने शुक्रवार को आईजीआई एयरपोर्ट से टकला को गिरफ्तार किया था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘ हम दुबई में अपने मिशन से पता लगा रहे हैं. यह बिल्कुल ही स्पष्ट है कि वह भगोड़ा है, जो भारत सरकार के लिए वांछित है. हमने संयुक्त अरब अमीरात की सरकार के साथ यह सूचना साझा की थी और हम उसके साथ इस मामले पर आगे बढ़ रहे थे. संयुक्त अरब अमीरात के प्रशासन ने उसे प्रत्यर्पित कर दिया.’
किसी मंत्री की मदद से मिला था पासपोर्ट?
जब कुमार से इस खबर के बारे में पूछा गया कि किसी केंद्रीय मंत्री के दखल के चलते उसे पासपोर्ट मिला तो उन्होंने कहा कि वह अटकलबाजी नहीं करना चाहेंगे. रवीश कुमार ने कहा कि पासपोर्ट जारी करने और उसके नवीकरण की कुछ प्रक्रिया है. मंत्रालय इसका ब्योरा जुटाएगा कि टकला ने कब आवेदन दिया था और कब उसका पासपोर्ट रिन्यू किया गया.
दुबई में संभालता था डॉन का काम
फारुक टकला के नाम से चर्चित मोहम्मद फारुक दुबई से यहां पहुंचा था और जब वह इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आव्रजन काउंटर पर था, तब उसे सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया. सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि वह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का दुबई का कामकाज संभालता था.
एनसीपी नेता का दावा, इच्छा से लौटा है टकला
एनसीपी नेता और सीनियर वकील मजीद मेमन ने कहा टकला की गिरफ्तारी पर कहा, ‘तथ्य ये है कि वह लौटा और वह वापस आने और मुकदमे का सामना करने की अपनी इच्छा जता चुका था. निश्चित रूप से उसे रिमांड के लिए कस्टडी में लिया जाएगा. उसकी जमानत स्वीकार किए जाने का कोई सवाल नहीं है. अगले घटनाक्रम तक उसे जेल में रहना होगा.’
मुंबई के 1993 में हुए ब्लास्ट मामले का आरोपी
सीबीआई के प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया था कि फारुक टकला 1993 में मुंबई में हुए बम ब्लास्ट मामले में फरार था. उस पर आरोप है कि धमाकों से पहले दुबई होते हुए पाकिस्तान में विस्फोट करने की ट्रेनिंग लेने के लिए आरोपियों को देश छोड़ने और सामग्री उपलब्ध कराने में मदद की. वह तब सेे फरार चल रहा था. दुबई से उसे यहां डिपोर्ट करके भेजा गया था.