थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा पर राजशाही को बदनाम करने के मामले में मानहानि का आरोप लगाने की तैयारी की जा रही है। शिनावात्रा पर राजशाही को बदनाम करने का आरोप लगाया जाएगा जबकि तीन महीने पहले उन्हें अन्य आरोपों में पैरोल पर रिहा किया गया था।
थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा पर राजशाही को बदनाम करने के मामले में मानहानि का आरोप लगाने की तैयारी की जा रही है।
दरअसल, यहां के अभियोजकों ने बुधवार को बताया कि शिनावात्रा पर राजशाही को बदनाम करने का आरोप लगाया जाएगा, जबकि तीन महीने पहले उन्हें अन्य आरोपों में पैरोल पर रिहा किया गया था। इससे पूर्व पीएम की परेशानियां और बढ़ सकती हैं।
अभियोजक के प्रवक्ता प्रायुथ ने कहा कि अटॉर्नी जनरल के पास थाकसिन को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। अभियोजकों ने अगले महीने अदालत में पेश करने के लिए अपना बयान और दस्तावेज पहले ही तैयार कर लिया है। वह तीन महीने पहले ही पैरोल पर छूटे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि थाकसिन पर कम्प्यूटर अपराध अधिनियम के उल्लंघन का भी आरोप लगाया जाएगा। थाकसिन 2008 से आत्म निर्वासन में थे। पिछले साल अगस्त में आठ साल की सजा काटने के लिए थाईलैंड लौटे हैं। उन्हें फरवरी में बैंकाक के अस्पताल से पैरोल पर रिहा किया गया था, जहां उन्होंने भ्रष्टाचार से संबंधित अपराधों के लिए छह महीने की सजा काटी थी।
उनकी वापसी पर, खराब स्वास्थ्य के आधार पर उन्हें तुरंत ही जेल से अस्पताल ले जाया गया और लगभग एक सप्ताह बाद राजा महा वजिरालोंगकोर्न ने उनकी सजा को घटाकर एक वर्ष कर दिया था। थाकसिन को इस महीने की शुरुआत में उनकी उम्र (74 वर्ष) और खराब स्वास्थ्य के कारण पैरोल दी गई थी।
18 जून को होगी मामले की सुनवाई
प्रायुथ ने बताया कि अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने 18 जून को थाकसिन के खिलाफ आरोप तय किए जाने के लिए नई तिथि निर्धारित की है।
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