देश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार के एक और सदस्य की राजनीति में एंट्री हो गई है. प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस पार्टी का महासचिव बनाया गया है और लोकसभा चुनाव के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है. प्रियंका की एंट्री के साथ ही इस प्रकार के कयास भी लग रहे थे कि राहुल के चचेरे भाई वरुण गांधी भी बीजेपी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. जिस पर अब राहुल गांधी ने जवाब दिया है.
ओडिशा के भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम के दौरान जब राहुल गांधी से पूछा गया कि क्या वरुण गांधी भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. तो उन्होंने कहा, “मैंने इस प्रकार की अटकलें नहीं सुनी हैं.’’
गौरतलब है कि जब राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाला था, तभी से चर्चाएं आम थीं कि अब वरुण गांधी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. प्रियंका गांधी की एंट्री के बाद से ही ये अटकलें एक बार फिर जोर पकड़ रही हैं.
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय में वरुण गांधी ने ऐसे बयान दिए हैं जिसमें केंद्र सरकार की आलोचना की गई थी. इसमें रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा मुखर रुप से शामिल रहा था.
संजय गांधी की मौत के बाद अलग हुए थीं मेनका
गौरतलब है कि 1980 में संजय गांधी की एक दुर्घटना में मौत हो गई थी. जिसके बाद से ही मेनका गांधी ने कांग्रेस से दूरी बनाना शुरू कर दिया था. 1988 में उन्होंने जनता दल का दामन थामा था, लेकिन 2004 में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई थीं.
2004 में ही वरुण गांधी भी बीजेपी में आए और 2009 में पीलीभीत से सांसद चुने गए. 2014 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव जीता. वरुण गांधी लोकप्रिय नेता हैं और तेज तर्रार भाषणों के लिए जाने जाते हैं.