बांका। जिला प्रशासन ने महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सत्तू उद्योग से जोड़ने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत 10 फरवरी से हो रही है। इसमें लगभग 200 महिलाओं को जोड़कर काम शुरु किया जा रहा है। ऐसी महिलाएं जाता से (पीसकर ) चना सत्तू का निर्माण करेंगी। यहां की बनी सत्तू महानगरों में आॅन लाईन बेची जाएगी। इसके लिए कई कंपनियों से वार्ता चल रही है।
इस व्यवसाय से जुड़कर महिलाएं एक दिन में 360 रूपये तक प्रतिदिन कमा सकती है।डीएम कुन्दन कुमार के पहल पर क्षितिज एग्रो के सुनील कुमार एवं जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो ने क्षेत्र का जायजा लेकर इसके लिए माहौल तैयार किया है। महिलाओं को चार दिनों का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। इसके बाद शुद्ध और स्वच्छता के साथ सत्तू तैयार कर एमेजोन, बिग बाजार में बिक्री की जायेगी।
प्रशासन उपलब्ध कराएगा कई सामान
प्रशासन के द्वारा प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को मास्क हेड, कैप सहित अन्य सामग्री उपलब्ध कराने की जानकारी दी है। इसके साथ ही इंडस्ट्रियल लाइसेंस के साथ ही कई तकनीकी सुविधाएं महिलाओं को दी जायेगी। जांता से तैयार सत्तू होता है स्वास्थ्यवर्धक जांता से तैयार सत्तू स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट होता है।
इसमें महिलाओं का शारीरिक श्रम के साथ-साथ कई बिमारियों को भी दूर भगाता है। साथ ही मधुमेह, यकृत, ब्लडप्रेशर,मोटापा, गैस्टिक सहित अन्य बीमारियों को जांता से तैयार सत्तू नियंत्रित करता है। बांका में जांता से सत्तू तैयार कराया जाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा। यहां के बने सत्तू की आॅनलाईन बिक्री होगी। इसके लिए एमेजोन और बिग बाजार से भी बातचीत की गई है।