क्या आप जानते है की बच्चों को काला टीका लगाने और काला धागा बाँधने के पीछे क्या कारण है? दरअसल आज हम आपसे कुछ ऐसे ही विषय पर चर्चा करने वाले है, ये तो आप भी जानते है की भारत में कई प्रकार के रीति रिवाज और परम्पराएँ है जो व्यक्ति के जीवन से जुड़ी है. और हमारे शास्त्रों में ऐसी कई बातें बताई गई है जिनका उपयोग व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में करता है. बहुत से लोग इसे अंधविश्वास मानते है. किन्तु प्राचीन परंपरा के अनुसार काले रंग को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है कई प्रकार से इस रंग की वस्तुओं का उपयोग व्यक्ति अपने जीवन में करता है. आइये जानते है की हमारे जीवन में किस प्रकार काले रंग की वस्तुओं का उपयोग किया जाता है.
काले रंग की वस्तुओं का उपयोग
आपने कई बार देखा होगा की छोटे बच्चों के माथे पर या गाल पर उनकी माताएं काला टीका लगाती है ये उन्हें बुरी नजर से बचाने के लिए लगाया जाता है. और कई लोग बुरी नजर से बचने के लिए काले धागे का भी उपयोग करते है. ये चीजें नजर लगाने वाले व्यक्ति की एकाग्रता को भंग करते है तथा कला टीका या धागा धारण करने वाले पर नकारात्मक ऊर्जा का कोई प्रभाव भी नहीं होता है.
बुरी नजर से बचने के लिए काले धागे का उपयोग क्यों किया जाता है.
ज्योतिष शास्त्र और तंत्र मन्त्र के जानकार के अनुसार काला धागा बाँधने और काला टीका लगाने के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण है सभी जीवों का शरीर पंच महाभूत प्रथ्वी, वायु, अग्नि, जल और आकाश से मिलकर बना है. इससे निकलने वाली ऊर्जा से व्यक्ति के शरीर का संचालन होता है. इसी ऊर्जा के कारण व्यक्ति अपनी सभी जरूरतों को पूरा करता है. जब इन्ही सुविधाओं पर किसी की बुरी नजर पहुँचती है तो पंचतत्व से मिलने वाली सकारात्मक ऊर्जा काले धागे और टीके से प्रभावित होकर उस बुरी नजर को हमतक पहुँचने नहीं देती और व्यक्ति की बुरी नजर से हमारी रक्षा करती है.