हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) प्रमुख जीतन राम मांझी भले ही राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से अलग दूसरे सहयोगी दलों को लेकर वृहद महागठबंधन बनाने का दावा कर रहे हों, लेकिन कांग्रेस, रालोसपा, वीआइपी मांझी के फैसले के साथ नहीं हैं। इन दलों ने साफ कर दिया है कि महागठबंधन अटूट है। अब इसे कोई छोड़कर जाना चाहता है, तो वह स्वतंत्र है। बता दें कि बुधवार को बदलते घटनाक्रम में तेजस्वी व मांझी आमने-सामने आ गए हैं। तेजस्वी ने मांझी के पुत्र को राजद कोटे से विधान परिषद में भेजे जाने की बात कही तो मांझी ने कहा- कोई एहसान नहीं किया। इधर, बताया जा रहा है कि जीतनराम मांझी जल्द ही बसपा सुप्रीमो मायावती से मिलने वाले हैं।
कांग्रेस-रालोसपा-वीआइपी महागठबंधन के साथ
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने साफ कहा कि महागठबंधन में कोई दरार नहीं यह एकजुट है। ऐसे में नए वृहद महागठबंधन की बात करना उचित नहीं। रालोसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता माधव आनंद ने कहा कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी महागठबंधन के साथ है। कौन कहां जा रहा है, इससे उसका कोई मतलब नहीं है।
वहीं, विकासशील इंसान पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि उनकी पार्टी महागठबंधन का हिस्सा है और रहेगी। सहनी ने कहा कि राजद महागठबंधन का सबसे बड़ा दल है और वे उसी के साथ हैं। मांझी जी क्या बोल रहे हैं, क्या कर रहे हैं इससे वीआइपी को कोई फर्क नहीं पड़ता है। बिहार में एक ही महागठबंधन है और अगला चुनाव भी महागठबंधन पूरी ताकत और एकजुटता के साथ लड़ेगा।
राजद ने हम को एहसान की दिलाई याद
गाौरतलब है कि बुधवार को महागठबंधन में घमासान के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हम को राजद का किया हुआ अहसान याद दिलाया। उन्होंने कहा कि अगर समन्वय समिति नहीं थी, तो राजद ने अपने कोटे से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पुत्र को विधान परिषद में कैसे भेज दिया और लोकसभा की तीन-तीन सीटें भी कैसे दे दीं। राजद कार्यालय में बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके तेजस्वी ने दावा किया कि हम सब ने मिलकर ही सारे फैसले लिये थे।
मांझी के तल्ख हमले के बाद सामने आये तेजस्वी
मांझी के राजद पर तल्ख हमले के दो दिन बाद तेजस्वी ने मीडिया के सामने अपने अहसानों की सूची गिनाई। हालांकि महागठबंधन में किसी तरह की दरार-तकरार से तेजस्वी ने इनकार किया और कहा कि सारे घटक दलों के नेता अहम मौकों पर आपस में बात करते हैं, किंतु यह भी जोड़ा कि हम प्रमुख को दूसरी जगह अब तक क्या मिला है और आगे क्या-क्या मिलेगा, यह सबको पता है। राजद नेता ने सीट बंटवारे एवं समन्वय समिति के गठन से जुड़े सवालों को टाल दिया और कहा कि अभी कोरोना की वजह से उनके सारे कार्यक्रम 31 मार्च तक स्थगित है।
मांझी बोले राजद कोई अहसान नहीं किया
हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा है कि उनके बेटे को विधान परिषद भेज राजद ने कोई अहसान नहीं किया है। उन्होंने कहा तेजस्वी यादव उनके पुत्र के समान हैं, इसलिए उनकी बातों पर वे कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे। साथ ही मांझी ने एक बार फिर राजद को अल्टीमेटम दिया कि 31 मार्च तक को-ऑर्डिनेशन कमेटी नहीं बनी तो वे राजद से अलग वृहद महागठबंधन बनाएंगे।
लालू यादव से होती रही है बात : मांझी
तेजस्वी की प्रेस कांफ्रेंस के बात मांझी ने प्रेस से बात की और कहा कि उनकी बातें लालू प्रसाद से होती रही हैं। लालू प्रसाद उनसे रात एक-एक बजे तक बातें किया करते थे, जिसके कई गवाह भी हैं। उन्होंने कभी भी अपने पुत्र को परिषद भेजने के लिए राजद पर दबाव नहीं बनाया। मांझी ने एक बार फिर दोहराया कि 31 मार्च तक राजद कॉर्डिनेशन कमिटी पर अपनी राय स्पष्ट करें नहीं तो वह अपनी राह तय करेंगे। कहा कि वे रालोसपा, वीआइपी, कांग्रेस को साथ लेकर वृहद गठबंधन बनाएंगे। जिसमें मायावती को भी शामिल किया जाएगा। इसमें सीपीआइ और जन अधिकार पार्टी भी रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इसे लेकर जल्द ही वे मायावती से मिलने वाले हैं। मुख्यमंत्री से मुलाकात पर मांझी ने कहा कि जिस तरह केजरीवाल-अमित शाह और मोदी की मुलाकात हुई, उसी तरह राजहित में उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात की।
बहरहाल, भले ही मांझी ने माइनस राजद सबको साथ लेने की बात कही हो, लेकिन तेजस्वी के बयान और मांझी के पलटवार के बाद महागठबंधन में शामिल अन्य घटक दलों ने मांझी से दूरी बना ली है। साथ ही दलों ने मांझी को दो टूक कह दिया है कि महागठबंधन अटूट है और वे सब मांझी के फैसले के साथ नहीं हैं।