उड़ीसा उच्च न्यायालय ने रोज वैली ग्रुप चिटफंड घोटाले में कथित तौर पर शामिल गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को शुक्रवार को सशर्त जमानत दे दी गई है. बता दे कि सीबीआई ने उन्हें रोज वैली चिटफ़ंड स्कैम में पूछताछ के लिए बुलाया था और फिर गिरफ़्तार कर लिया था. तृणमूल ने इसको लेकर कड़ी नाराजगी जताई थी.
न्यायमूर्ति जेपी दास की पीठ ने दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उनकी जमानत याचिका पर अपना फैसला बता दिया था. पीठ ने बंदोपाध्याय को किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में 25 लाख रूपये जमा करने और 50,000-50,000 रूपये के मुचलके जमा करने के बाद जमानत की अनुमति दी. सशर्त जमानत में सांसद से कहा गया है कि वह निचली अदालत में अपना पासपोर्ट जमा करवाए और जब भी जरूरत हो जांच अधिकारी के साथ सहयोग करे.
बता दें कि सीबीआई ने 17,000 करोड़ रूपये के रोज वैली चिटफंड घोटाले में कथित भागिदारी के लिए बंदोपाध्याय को तीन जनवरी को गिरफ्तार किया था. सीबीआई, उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर इस घोटाले की जांच कर रही है.
एक और सांसद को भी किया था गिरफ्तार
उसने फरवरी माह में स्वास्थ्य के आधार पर उच्च न्यायालय से सामान्य जमानत देने की मांग की थी. उसके वकील ने कोर्ट ने कहा कि उनके मुवक्किल इस घोटाले में शामिल नहीं हैं. उन्होंने कहा कि बंदोपाध्याय गंभीर रूप से बीमार हैं इसलिए उन्हें जमानत दीजानी चाहिए. लेकिन भुवनेश्वर और खुर्दा जिला सत्र अदालत में निर्दिष्ट सीबीआई अदालत ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दिया था.
घोटाले में कथित रूप से शामिल होने के लिए सीबीआई ने तृणमूल के एक अन्य सांसद तापस पाल को भी गिरफ्तार किया था. बता दें कि एजेंसी ने रोज वैली के अध्यक्ष गौतम पुकुंदू और तीन अन्य पर आरोप लगाये थे कि उन्होंने देशभर में निवेशकों को 17,000 करोड़ रूपये की चपत लगाई है.