चीन में कोरोना की सख्त पाबंदियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। गुस्साए चीनी नागरिकों ने शी जिनपिंग सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर आंदोलन शुरू कर दिया है। आंदोलन की आग राजधानी बीजिंग और शंघाई समेत देश के बड़े-बड़े शहरों में धधक रही है। लोग ‘शी जिनपिंग को राष्ट्रपति पद से निकालो’ के नारे लगा रहे हैं। आंदोलन की आग अब चीन की सीमा से बाहर पहुंच गई है। मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि देश के बाहर भी जिनपिंग सरकार की खूब बदनामी हो रही है। तुर्की में शी जिनपिंग सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सैकड़ों की संख्या लोग चीनी सरकार के कदम की जमकर आलोचना कर रहे हैं।
इगर समुदाय ने चीनी सरकार के खिलाफ तुर्की में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, तुर्की के इस्तांबुल में उइगर समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में ऐतिहासिक हागिया सोफिया मस्जिद के पास विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने चीन की शी जिनपिंग सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों की संख्या सैकड़ों में थी।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर समुदाय का समर्थन करने के लिए तुर्की में कार्यकर्ता बड़ी संख्या में सामने आए हैं। जिन्होंने पिछले दिनों चीन के उरुमकी में एक आवासीय इमारत में आग लगने से जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि भीषण आग लगने के बावजूद चीनी अधिकारियों ने कड़े कोविड-19 प्रतिबंधों के नाम पर उरुमकी में इमारत में फंसे लोगों को बाहर नहीं आने दिया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से चीनी सरकार के खिलाफ खड़े होने का आह्वान किया। लोगों ने आगजनी में जान गंवा देने वालों के परिवारजनों के प्रार्थना भी की।
चीनी दूतावास के बाहर जुटे एक हजार
इस्तांबुल के सरियर जिले में चीनी वाणिज्य दूतावास के पास एक बड़ा विरोध प्रदर्शन भी किया गया। जिसमें 1000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। ईस्ट तुर्केस्तान मारिफ सोसाइटी के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह ओगुझान के नेतृत्व में इंटरनेशनल यूनियन ऑफ ईस्ट तुर्केस्तान एनजीओ द्वारा विरोध का आह्वान किया गया था।
इमारत में फंसे लोगों को आने नहीं दिया
उन्होंने कहा, “24 नवंबर हमारे लिए एक दुखद दिन है। हम उरुमकी में आगजनी की घटना कभी नहीं भूलेंगे, जिसने बच्चों और महिलाओं के जीवन गंवा दिया। कुछ खुद को बचाने के लिए इमारत से बाहर कूद गए। लेकिन, चीनी प्रशासन ने कोरोना पाबंदियों के नाम पर दरवाजे बंद कर दिये और इमारत में फंसे लोगों को आने नहीं दिया।”
क्या हुई थी घटना
जानकारी के अनुसार, उरुमकी में आग कथित तौर पर 15वीं मंजिल पर शॉर्टसर्किट हो जाने की वजह से लगी थी। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया और आग की लपटें कई मंजिलों तक उठ गईं। जलने और दम घुटने से लोग इमारत से कूदने लगे। रिपोर्ट में लगभग 40 लोगों की मौत और घायल होने की सूचना है। हालांकि अग्निशमन गाड़ियां मौके पर पहुंची लेकिन, कोरोना पाबंदियों की वजह से लोगों को रेस्क्यू नहीं किया गया।