
तुर्की ने 15 जुलाई को तख्तापलट की कोशिश के लिए गुलेन को दोषी ठहराया लेकिन उन्होंने आरोपों से इंकार किया है। उस वक्त तुर्की में संसद की कार्रवाई के दौरान एफ-16 लड़ाकू विमानों से 11 बार बम बरसाए थे। आम नागरिकों पर गोलियां चलाई गईं, जिसमें 250 से अधिक लोग मारे गए।
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एक वर्ष बीतने पर बर्खास्तगी का मकसद न्यायपालिका, पुलिस व शिक्षा में पवित्रता लाना बताया गया। बर्खास्तगी के पांच जून के आदेश को हाल ही में सरकारी गजट में प्रकाशित किया गया है। इसके मुताबिक बर्खास्त कर्मचारी देश की सुरक्षा के विरुद्ध काम कर रहे थे।
बर्खास्त लोगों में 2,303 पुलिस अधिकारी, 302 विश्वविद्यालय के शिक्षक, 342 कर्मचारी और सेना के जवान हैं। इससे पहले तख्तापलट की नाकाम कोशिश के तुरंत बाद तुर्की ने करीब डेढ़ लाख अधिकारियों को बर्खास्त करते हुए सेना व पुलिस के 50 हजार जवानों को गिरफ्तार कर लिया था। विरोधियों का आरोप है कि राष्ट्रपति एर्दोगन इस बहाने अपने राजनीतिक विरोधियों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
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