भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित किया. राकेश टिकैत ने मंच से कहा कि 40 सेकंड में हमारा आंदोलन फिर से शुरू हो गया. उन्होंने कहा कि कल (गुरुवार) दंगे से भी खतरनाक स्थिति थी. मैंने कभी बीजेपी को वोट दिया था. बीजेपी के ही लोगों ने आंदोलन में किसानों की मदद की. राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण जारी रहेगा.
आपको बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार को हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. 26 जनवरी की हिंसा के बाद कल यहां पर भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई थी. RAF, वज्र वाहन भी तैनात किए गए थे और प्रदर्शनकारी किसानों को ले जाने के लिए बसें भी लाई गईं थीं. यहां तक कि किसानों के टेंट भी हटाने शुरू कर दिए गए थे. और ऐसा लगने लगा था कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का अंत हो गया, लेकिन कुछ ही पलों में पूरी तस्वीर पलट गई.
दिल्ली हिंसा के बाद किसान आंदोलन के कमजोर पड़ने की बात की जाने लगी थी, लेकिन राकेश टिकैत के आंसू ने आंदोलन में जान फूंक दी. दरअसल, गुरुवार शाम को राकेश टिकैत मीडिया से बात करते हुए रोने लगे थे. उन्होंने आत्महत्या की धमकी तक दी थी. राकेश टिकैत ने कहा कि अगर कृषि कानून वापस नहीं हुए तो मैं आत्महत्या कर लूंगा.
राकेश टिकैत के शब्द किसानों में जोश ला दिए और पश्चिमी यूपी के किसान एक बार फिर गाजीपुर बॉर्डर पर जुटने लगे. इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए ही राकेश टिकैत आज कह रहे हैं कि 40 सेकंड में आंदोलन एक बार फिर शुरू हो गया. राकेश टिकैत यहां पर उस 40 सेकंड का जिक्र कर रहे हैं जब वो भावुक हुए थे. यही वो 40 सेकंड रहे जिससे किसान आंदोलन एक बार फिर खड़ा हो गया.
इससे पहले शुक्रवार दोपहर राकेश टिकैत ने कहा कि हम गाजीपुर बॉर्डर पर ही रहेंगे, यूपी सरकार से मांग है कि प्रदर्शनस्थल पर सुविधाएं दी जाएं. हम गिरफ्तारी नहीं देंगे, सरकार से बात करेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार से बातचीत के बाद ही कोई हल निकलेगा. जब सारे बॉर्डर खाली होंगे, उसके एक दिन बाद ही हम अपना बॉर्डर खाली करेंगे. टिकैत ने कहा कि हम किसी का दिया पानी नहीं लेंगे. यूपी सरकार पानी देगी तो लेंगे, नहीं तो खुद खोदकर पानी निकालेंगे.