भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता खुशबू सुंदर ने आज ही यानी बुधवार को कहा कि, ‘विदुथलई चिरुथैगल काच्चि (वीसीके) नेता टी तिरूमावलवन की महिलाओं और मनुस्मृति के बारे में कथित टिप्पणी स्वीकार नहीं की जाएगी क्योंकि यह सहीं नहीं थी और अब कोई भी किताब पढ़ने से बचना चाहेगा।’ उन्होंने एक वेबसाइट से हुई बातचीत में कहा, ‘तिरूमावलवन जो भी तर्क देते हैं वह अप्रासंगिक है और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा क्योंकि 3,700 साल पहले लिखी गई एक किताब के बारे में कुछ बोलना बिल्कुल अप्रासंगिक है।’

इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि इस पुस्तक को चुनना उनके लिए बहुत अनुचित था। अन्य मुद्दों के बारे में बहुत सारी किताबें हैं। यहां तक कि मनुस्मृति में भी कई मुद्दे हैं जो महिलाओं के विकास और सशक्तिकरण के बारे में बोलते हैं। लेकिन उन्होंने इसपर कुछ इस तरह से बोला जो इन समयों में बिल्कुल भी आवश्यक नहीं है। आगे उन्होंने कुछ सवाल भी किये जिनमे यह भी शामिल था, ‘क्या वह अपने सहयोगियों पर उस तरीके से महिलाओं के साथ व्यवहार करने का आरोप लगा रहे थे, जो उनके द्वारा वर्णित किया गया था।’
हाल ही में उन्होंने कहा कि, ‘अब मनुस्मृति का उपयोग कौन कर रहा है? क्या तिरूमावलवन यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि इस देश के लोग अभी भी मनुस्मृति का अनुसरण कर रहे हैं और इतने पिछड़े हैं? उनके सहयोगी भी हिंदू धर्म का पालन करते हैं। क्या वह यह कहने की कोशिश कर रहा है कि वे महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं? यदि वह पुस्तक का पालन नहीं करते हैं, तो वह इसे जनता के सामने क्यों डाल रहे हैं और इसको प्रतिबंध करने के लिए कह रहे है?’ वैसे आप जानते ही होंगे बीते दिनों ही उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, जिसके बाद उनकी काफी चर्चा हुई थी।
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