तिब्बत में माउंट एवरेस्ट के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में बर्फीले तूफान के कारण 1,000 से अधिक पर्वतारोही फंस गए हैं। शिविरों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। यह क्षेत्र 4,900 मीटर की ऊंचाई पर है। बर्फ हटाने के लिए स्थानीय लोगों के साथ विभिन्न बचाव दलों को लगाया गया है। कुछ लोगों को बचा भी लिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार शाम को भारी बर्फबारी शुरू हुई और तिब्बत में माउंट एवरेस्ट की पूर्वी ढलानों पर यह तेज हो गई है, जो पर्वतारोहियों और पैदल यात्रियों के बीच लोकप्रिय क्षेत्र है। माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है। इसकी ऊंचाई 8,849 मीटर से भी अधिक है। चीन में इसे माउंट कोमोलांगमा के नाम से जाना जाता है।
नेपाल में भी प्राकृतिक आपदा
एवरेस्ट के पड़ोसी देश नेपाल में भारी बारिश से भूस्खलन और अचानक बाढ़ आई, जिससे अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है। स्थानीय प्रशासन प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है।
चीन में टाइफून माटमो का असर
इस बीच टाइफून माटमो, जो 2025 के प्रशांत क्षेत्र का 21वां नामित तूफान है, रविवार को दक्षिण चीन के गुआंगडोंग प्रांत के ज़हानजियांग शहर में तट पर पहुंचा। स्थानीय सरकारों ने 347,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया। माटमो की अधिकतम गति 151 किलोमीटर प्रति घंटे तक दर्ज की गई।
एवरेस्ट और प्राकृतिक आपदाओं का खतरा
माउंट एवरेस्ट, जिसे चीन में कुमोलांग्मा पर्वत कहा जाता है, दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है, जिसकी ऊंचाई 8,849 मीटर से अधिक है। हर साल कई पर्वतारोही यहां चढ़ाई के लिए आते हैं, लेकिन चरम मौसम और प्राकृतिक आपदाओं के कारण यह क्षेत्र हमेशा जोखिमपूर्ण रहता है।
 Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
 
		
 
 
						
 
						
 
						
 
						
 
						
