अध्ययन में पाया गया है कि ‘नेचर पिल्स’ मानव की बेहतरी के लिए असरदार भूमिका निभाने में सक्षम है. यह अध्ययन जर्नल ‘फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी’ में प्रकाशित हुआ है.
अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर मैरीकोरल हंटर ने कहा कि हम जानते हैं कि प्रकृति में समय बिताने से तनाव में कमी आ सकती है लेकिन अभी तक यह पता नहीं था कि कि इसके लिए कितना वक्त पर्याप्त होता है और हम ऐसा कितनी बार करें या किस प्रकार के प्राकृतिक अनुभव हमारे लिए फायदेमंद हैं. हंटर ने एक बयान में कहा कि उनका अध्ययन बताता है कि तनाव वाले हार्मोन कॉर्टीसोल का स्तर पर्याप्त रूप से कम करने के लिए हमें 20 से 30 मिनट ऐसी जगह बैठना होगा या चलना होगा जहां पर प्रकृति के होने का अहसास हो.
नेचर पिल्स, कम लागत वाला एक ऐसा उपाय हो सकता है जो बढ़ते नगरीकरण और टीवी वगैरह देखने से घर में बंधे रहने के कारण हमारी सेहत पर पड़ रहे खराब असर से हमें बचा सकता है.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal