कुछ चोटें आई लेकिन सभी सुरक्षित

पीआरओ मित्रा ने कहा, ‘पायलट- डिप्टी कमांडेंट बलविंदर सिंह आबादी वाली जगहों और समुद्र से बचाकर हेलीकॉप्टर को जमीन पर उतारने में कामयाब रहे. सहायक कमांडेंट पेनी चौधरी को घटना में कुछ चोटें आई हैं, लेकिन और कोई जख्मी नहीं हुआ. सभी को मेडिकल जांच और इलाज के लिए मुंबई के नौसेना अस्पताल अश्विनी ले जाया गया.’ अधिकारी ने बताया कि हेलीकॉप्टर में सवार अन्य दो सदस्यों की पहचान प्रधान नाविक संदीप सिंह और नाविक बलजीत सिंह के रूप में हुई. चालक दल के चारों सदस्यों को नौसेना एवं वायुसेना ने मिलकर सुरक्षित बचा लिया.

25 मिनट तक तकनीकी दिक्‍कतों का सामना

मित्रा ने कहा,’शुरुआती रिपोर्ट कहती है कि चालक दल को उड़ान भरने के बाद करीब 25 मिनट तक तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.’ हेलीकॉप्टर को हुए नुकसान के बारे में पूछे जाने पर तटरक्षक बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हेलीकॉप्टर के रोटर और इसकी मशीनरी दुरुस्त है. पिछला रोटर थोड़ा झुका हुआ है. दाएं पहिए वाली जगह को छोड़कर कोई हिस्सा नहीं टूटा है. हमें गहन जांच करनी होगी.’ उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर को जिस जगह आपात स्थिति में उतारा गया वहां से उसे किसी अन्य विमान से उठाकर ले जाने की व्यवस्था की जा सकती है.

दोपहर 2:48 बजे हादसा, भेजा बचाव दल

पश्चिमी नौसेना कमान ने एक बयान में कहा,’ भारतीय तटरक्षक बल का एक चेतक हेलीकॉप्टर नियमित गश्त पर मुंबई के दक्षिणी तट से रवाना हुआ था, दोपहर 2 बजकर 48 मिनट पर अलीबाग के निकट मुरूद से छह समुद्री मील की दूरी पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया’. एक अधिकारी ने बताया था कि नौसेना ने दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के खोज और बचाव अभियान पर दो चेतक और एक सीकिंग सी हेलीकॉप्टर को भेजा और उन्होंने तटरक्षक बल के हेलीकॉप्टर का पता लगाया. तटरक्षक बल का एक चेतक हेलीकॉप्टर और वायुसेना का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी खोज अभियान का हिस्सा थे.

पायलट की सूझबूझ से टला

तटरक्षक बल के बयान में पायलट बलविंदर सिंह की सूझबूझ और उस ‘विशेष कौशल’की तारीफ की गई, जिसके चलते उन्होंने आबादी वाली जगहों और समुद्र से बचाकर हेलीकॉप्टर को सुरक्षित उतार लिया.