चंडीगढ़। फिल्म उड़ता पंजाब को लेकर चाहे लाख विवाद हो और ये कहा जा रहा हो कि ड्रग्स और नशाखोरी को लेकर इस फिल्म के अंदर अतिशयोक्ति की गई है। लेकिन, अगर पंजाब की हकीकत को जानें तो शायद आपकी ये धारणा बदल जाएगी। हो सकता है कि फिल्म उड़ता पंजाब को वहां पर आनेवाले विधानसभा चुनाव के चलते नफा-नुकसान को देखते हुए इतना बवाल किया जा रहा हो लेकिन नशे के दलदल में डूबे पंजाब की जमीनी हककीत जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
नशे ने इस कदर पंजाब को लील कर दिया है कि यहां के एक गांव ‘मकबूलपुरा’ को विधवाओं का गांव कहा जाने लगा है और उसकी वजह ये हैं कि यहां के अधिकतर मर्दों की नशे के कारण मौत हो चुकी है।
2.3 लाख लोगों को नशे की लत
पंजाब में ड्रग्स को लेकर वैसे तो कई तरह की रिपोर्ट आती रही है। सभी रिपोर्टों के अंदर इसके गंभीर नतीजे बताए गए हैं, लेकिन केन्द्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की तरफ से सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ यूथ एंड मासेज (एपीआईएम) ने एम्स के साथ मिलकर जो सर्वे पंजाब के 10 जिलों का कराया है उसके नतीजों तो और भी चौंकाते हैं।
इस सर्वे के अनुसार, इस समय पंजाब में ड्रग्स और अन्य दवाईयों की जद में करीब 2.3 लाख लोग है जबकि करीब 8.6 लाख लोगों को इस नशे की लत तो नहीं है लेकिन वो भी समय-समय पर इसका खूब इस्तेमाल करते हैं और यही लोग बाद में चलकर इस नशे में पूरी तरह से डूब जाते हैं।
ड्रग्स की चपेट में 83 फीसद पढ़े-लिखे लोग
इस रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में नशा करनेवाले इन लोगों में मे से 99 फीसद पुरुष, 83 फीसद पढ़े-लिखे लोग और 54 फीसद शादीशुदा लोग हैं। 53 फीसद लोग सबसे ज्यादा हेराइन का इस्तेमाल कर रहे है। हालात ये हैं कि रोजाना हेरोइन इस्तेमाल करनेवाले इस पर करीब 1400 रुपए खर्च कर डालते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, नशा करनेवालों में 53 फीसद लोग हेरोइन का सेवन करते हैं जबकि अफीम जैसी चीजों का इस्तेमाल करनेवाले पंजाब में 33 फीसद लोग हैं।
नशे पर सालाना 7500 करोड़ रुपए खर्च
रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में नशे का कितना बड़ा कारोबार है इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यहां के लोग 7500 करोड़ रुपए सालभर में नशे करने में फूंक देते हैं। ऐसे नशे करनेवालों में से 54 फीसद लोग शादीशुदा है जबकि 76 फीसद नशा करनेवालों की उम्र सीमा 18 साल से 35 साल के बीच है।
पंजाब की ड्रग्स और अफीम जैसी नशे की खेप आए दिन तस्करों से पुलिस बरामद करती रहती है उसके बावजूद ये कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है और पंजाब के लोगों की जिंदगियां यूं ही ये बर्बाद कर रहा है।