नई दिल्ली- मिली जानकारी के मुताबिक़ बताया जा रहा है की डायबिटीज (मधुमेह) से पीड़ित छात्रों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने एक परीक्षा के दौरान एक ब्रेक की सुविधा प्रदान की है. बताया जा रहा है की केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं और बाहरवीं की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्र परीक्षा के दौरान स्नैक्स ले सकते हैं. सीबीएसई ने एक सर्कुलर में कहा कि बड़ी संख्या में बच्चे टाइप-1 मधुमेह के मरीज हैं और रक्त में ग्लूकोज के स्तर को बनाये रखने के लिए उन्हें नियमित अंतराल पर इंसुलिन इंजेक्शन की जररत पड़ती है.
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सीबीएसई ने कहा कि इन बच्चों को हाइपोग्लाइसीमिया से बचने के लिए लगातार कुछ खाने पीने की जररत होती है, वरना उनके प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है. ऐसे छात्र शुगर टैबलेट, फल, स्नैक्स और पानी परीक्षा केन्द्र में ला सकते हैं जिसे निरीक्षकों के पास रखा जाएगा. बहरहाल, सीबीएसई ने कहा कि इसके लिए छात्र की मेडिकल स्थिति का प्रमाण पत्र संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य को भेजना होगा.
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स्नैक्स क्यों हैं जरूरी
डॉक्टर्स के अनुसार मधुमेह पीड़ित लोगों को लंबे समय तक भूखे रहने से शुगर का लेवल मे बेहद तेज उतार-चढ़ाव हो सकता है, इसलिए उन्हें थोड़े-थोड़े समय पर कुछ खाना जरूरी होता है. इसी तरह टाइप-1 के बच्चों के लिए इंसुलिन लेना जरूरी होता है. इनमें शुगर कम होने का खतरा बना रहता है. यदि इन्हें इंसुलिन लेने के डेढ़ घंटे के बाद स्नैक्स आदि न मिले तो कई तरह की परेशानी हो सकती है. सिर में दर्द हो सकता है. चक्कर आ सकते हैं.
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