ट्रिपल तलाक मामले में आज लोकसभा में बिल पेश हो सकता है। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक को पिछले हफ्ते ही कैबिनेट में मंजूरी दी थी। भाजपा सरकार ने इस बिल को पास कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए भाजपा ने अपने सभी सांसदों को इस मौके पर संसद में ही मौजूद रहने को भी कहा है। बता दें कि ट्रिपल तलाक विधेयक का मसौदा तैयार करने से पहले मुस्लिम संगठनों से राय नहीं ली गई थी। सरकार ने लोकसभा में यह जानकारी दी।
सरकार से पूछा गया था कि तीन तलाक पर मसौदा कानून तैयार करने से पहले सरकार ने मुस्लिम संगठनों से सलाह ली थी या नहीं। इस सवाल पर विधि राज्य मंत्री पी. पी. चौधरी ने अपने लिखित जवाब में कहा कि नहीं। सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद तुरंत तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) चलन में बना हुआ है, जिसके लिए कानून लाए जाने की आवश्यकता है।
वहीं अन्य लिखित जबाव में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि सरकार का मानना है कि महिलाओं के सम्मान और लैंगिग समानता का मसला मानवता से जुड़ा है। इसमें धर्म या विश्वास से कोई लेना देना नहीं है। सरकार का मानना है कि प्रस्तावित विधेयक महिलाओं के सम्मान, लैंगिग न्याय एवं समानता में मददगार होगा।
केंद्रीय कानून मंत्री ने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत एक साथ तीन तलाक पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं इसके बावजूद ऐसे 66 मामले दर्ज किए गए हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते 15 दिसंबर को ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक’ को मंजूरी दी थी। इस विधेयक में तलाक देने वाले पति के लिए तीन साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।