अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इजरायल के साथ शांति समझौते की इच्छा नहीं दिखाने पर फिलिस्तीन को दी जाने वाली सहायता को रोकने की धमकी दी है। ट्रंप ने ट्वीट करके कहा, ‘हम फिलिस्तीन को हर साल करोड़ों डॉलर देते हैं और बदले में हमें कोई आदर या प्रसंशा नहीं मिलती। वे इजरायल के साथ लंबित शांति समझौते पर बात तक करने के लिए राजी नहीं है।’
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने इससे पहले दिन में कहा था कि अगर फिलिस्तीन शांति समझौते से इनकार करता रहा तो अमेरिका सहायता में कटौती करेगा। निकी ने न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कहा, ‘मेरा मानना है कि राष्ट्रपति ने मूल रूप से यह कहा है कि जब तक फिलिस्तीन शांति वार्ता के लिए राजी नहीं हो जाता वह कोई अतिरिक्त धन नहीं देना चाहते या सहायता को रोकना चाहते हैं। फिलिस्तीन को मिलने वाली अमेरिकी सहायता का मकसद कांग्रेस के हित वाली कम से कम तीन अमेरिकी नीतियों का प्रचार प्रसार करना है।
दूसरी तरफ, फिलिस्तीन के वरिष्ठ अधिकारी हसन अशरवी ने एक बयान में कहा कि उनका देश ट्रंप की धमकी से ब्लैकमेल नहीं होगा। वह ट्रंप के सालाना 30 करोड डॉलर की सहायता बंद करने की धमकी पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘हम ब्लैकमेल नहीं होंगे। ट्रंप ने पहले तो हमारे शांति, स्वतंत्रता और न्याय के प्रयासों को तोड़ दिया, और अब उनकी इतनी हिम्मत की वह अपनी (अमेरिका) स्वयं की गैर-जिम्मेदराना कार्रवाई के लिए फिलिस्तीनियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।’