किसान आंदोलन से जुड़ा टूलकिट का मामला अब बड़ा राजनीतिक मसला बन चुका है. दिल्ली पुलिस के द्वारा इस मामले में क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया. इस गिरफ्तारी ने देश का सियासी पारा चढ़ा दिया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई बड़े विपक्षी नेताओं ने सरकार को इस मसले पर घेरा, तो वहीं दिल्ली पुलिस अब दिशा रवि के साथियों की तलाश में है.
किसान आंदोलन के मुद्दे को हथियार बनाकर देश को बदनाम करने और माहौल खराब करने के लिए बनाई गई टूलकिट में दिल्ली पुलिस ने इसे तैयार करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इस केस में एक गिरफ्तारी हो चुकी है और तीन की तलाश जारी है. पुलिस इस केस में खालिस्तानी कनेक्शन की भी जांच कर रही है.
अभी तक इस मामले में जो तीन नाम सामने आए हैं, उनमें दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के अधिकारियों ने 21 साल की दिशा रवि को बेंगलुरु से सोलादेवनहल्ली से गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस ने दिशा पर संगीन इल्जाम लगाए हैं. दिशा रवि पुलिस फिलहाल पांच दिन के पुलिस के रिमांड पर हैं.
• देश का माहौल बिगाड़ने के लिए तैयार किए गए टूलकिट की मुख्य साजिशकर्ता दिशा रवि हैं.
• क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने टूलकिट को ट्वीट करने के बाद डिलीट किया था, उसे दिशा रवि ने कई बार एडिट किया था.
• कोर्ट में जब पुलिस रिमांड पर सुनवाई हुई तो दिशा रो पड़ी और उसने कबूल किया कि उसने 2 लाइन एडिट की थी.
• पुलिस ने दिशा का मोबाइल जब्त किया है लेकिन उसका डाटा पहले ही डिलीट किया जा चुका था जिसे अब पुलिस रिट्रीव करेगी.
इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस को खालिस्तानी एंगल भी मिला है. पुलिस के मुताबिक, ये खलिस्तानी ग्रुप को दोबारा खड़ा करने की बड़ी साजिश है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिशा और टूलकिट से जुड़े अन्य लोग खालिस्तानी संगठन पोइटिक जस्टिस फाउंडेशन के धालीवाल के संपर्क में थे. हालांकि, दिशा ने धालीवाल या पोइटिक जस्टिस फाउंडेशन से किसी लिंक से इनकार किया है.
दिशा के बाद अब दिल्ली पुलिस निकिता और शांतनु की तलाश में जुट गई है. ये दोनों उस व्हाट्सअप ग्रुप के सदस्य बताए जाते हैं, जिसे कथित तौर पर दिशा रवि ने तैयार किया था. बताया जाता है कि टूलकिट तैयार करने में दिशा के साथ ये दोनों भी शामिल थे.
निकिता जैकब मुंबई की रहने वाली हैं. सूत्रों के मुताबिक, 11 फरवरी को निकिता जैकब के घर स्पेशल सेल की टीम सर्च करने गई थी. सर्च ऑपरेशन में निकिता के मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच की गई. बताया जाता है कि शाम का वक्त होने की वजह से पूछताछ नहीं हो सकी.
निकिता से स्पेशल सेल ने दस्तावेज पर दस्तखत करवाया था कि वो जांच में शामिल होंगी. लेकिन आरोप है कि उसके बाद निकिता अंडरग्राउंड हो गईं.
निकिता के खिलाफ अब कोर्ट से नॉन बेलेबल वारंट जारी किया है. अब इस मामले में निकिता जैकब ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और पुलिस के एक्शन से राहत मांगी है. इस मामले में मंगलवार को सुनवाई की जाएगी.
निकिता जैकब पुणे लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई करने के बाद वकालत के साथ सामाजिक मुद्दों पर भी सक्रिय रही हैं. किसान आंदोलन विदेशी हस्तियों का समर्थन जुटाने में उनकी अहम भूमिका बताई जाती है.
आपको बता दें कि चार फरवरी को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने टूल किट बनाने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ सरकार के खिलाफ सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जंग छेड़ने के आरोप में केस दर्ज किया था. ये केस देशद्रोह, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं में दर्ज किए गए. उसी एफआईआर पर अब एक्शन शुरू हो चुका है.
दिल्ली पुलिस के एक्शन से इतर भी इस मसले पर राजनीतिक बयानबाजी हो रही है. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पी. चिदंबरम, अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के कई नेताओं ने दिशा रवि की गिरफ्तारी का विरोध किया है.