रांची। झारखंड को टाटा समूह के मैनेजमेंट के कारण 4762 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ हालांकि सरकार को 11676 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ लेकिन इस नुकसान में टाटा की भागीदारी काफी बड़ी रही।
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ऐसे में टाटा को लेकर गंभीर टिप्पणी की गई। टाटा के अलावा डीवीसी के कारण भी सरकार को नुकसान हुआ है। टेस्ट चेक और परफाॅर्मेंस आॅडिट में टाटा स्टील व डीवीसी को लेकर यह जानकारी सामने आई है कि इन लोगों ने असंगत तरह से जमीन का सौदा कर दिया।
ऐसी जमीन जिसकी लीज़ अवधि समाप्त हो गई थी उसके बाद भी इसे औने पौने दाम पर बेच दिया गया। जमीन का क्षेत्रफल 2547 एकड़ था। गौरतलब है कि ये आंकड़े संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय द्वारा 2015 – 2016 के राजस्व प्रबंधन को लेकर सीएजी की रिपोर्ट में मिले हें। इसके अलावा सरकार को परिवहन से 20 करोड़, अन्य करों से 4056 करोड़, खान भूतत्व से 600 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ।
टाटा को लेकर कहा गया है कि इसने अपने सीमेंट प्लांट को लाफार्ज को बेच दिया। जहां सीमेंट प्लांट लगाया गया था वह 123 एकड़ जमीन थी। इस प्लांट को 500 करोड़ में बेचा ऐसे में सरकार को 975 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ। सरकार को अपनी 1856 एकड़ जमीन से हाथ धोना पडा। राजस्व की नुकसानी के साथ सरकार को बड़े पैमाने पर जमीन का नुकसान भी हुआ है।