रांची: झारखंड हाई कोर्ट में सस्पेंड थानेदार के साथ मारपीट के मामले में कांग्रेसी MLA दीपिका पांडेय की याचिका पर सुनवाई हुई। हाई कोर्ट के न्यायाधीश एसके द्विवेदी की कोर्ट में सुनवाई के चलते प्रतिवादी की तरफ से जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से वक़्त देने की अपील की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई के लिए 16 फरवरी की दिनांक तय कर दी। इस के चलते कोर्ट ने दीपिका पांडेय सिंंह को पूर्व में दी गई अंतरिम राहत को बरकरार रखा।

वही झारखंड हाई कोर्ट ने सुनवाई के चलते कहा कि महागामा MLA दीपिका पांडे सिंह के खिलाफ ‘कोई दंडात्मक कदम नहीं’ उठाने का कोर्ट का पूर्व आदेश जारी रहेगा। मेहरमा पुलिस स्टेशन (गोड्डा) के पूर्व प्रभारी गौतम कश्यप द्वारा उनके विरुद्ध प्राथमिकी दायर किए जाने के पश्चात् सिंह ने हाई कोर्ट के समक्ष मामला खारिज करने की याचिका दायर की थी। याचिका में बताया गया है कि उनके खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की गई है तथा गलत प्राथमिकी दर्ज की गई है, इसलिए प्राथमिकी स्थगित कर देनी चाहिए।
वही MLA दीपिका पांडेय सिंंह के खिलाफ गोड्डा के मेहरमा थाना के पूर्व थानेदार एसआई गौतम कश्यप ने मारपीट करने, फाइल छीनने तथा सरकारी काम में अड़चन डालने का इल्जाम लगाते हुए अप्रैल 2020 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। हाई कोर्ट ने पहले सिंह के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही पर पाबंदी लगाने का आदेश दिया था, जो सुनवाई की अगली दिनांक तक जारी रहेगी। केस में अगली सुनवाई 16 फरवरी को होगी। प्राथमिकी के विरोध में सोमवार को दोपहर पश्चात् MLA दीपिका पांडेय सिंह मेहरमा थाना में धरने पर बैठ गईं। MLA ने पूर्व निलंबित थाना प्रभारी कश्यप गौतम के इल्जामों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने प्रश्न किया कि एक सस्पेंड पुलिस पदाधिकारी देर शाम आठ बजे किसी नागरिक के घर पर बैठ कर थाना की संचिका के साथ क्या कर रहा था। MLA ने इसकी हाई लेवल इन्वेस्टिगेशन की भी मांग की। उन्होंने कहा कि वे जमानत नहीं लेंगी। पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजे। MLA ने कहा कि थाना को दलालों का अड्डा बनते देख चुप बैठ कर नहीं रह सकती। फेक मुकदमा कर उनपर दवाब बनाने का प्रयास हो रहा है।
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