हिन्दू पंचांग का तीसरा महीना ज्येष्ठ मास चल रहा है। इस मास में स्नान-दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ज्येष्ठ मास में कुछ उपाय करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।
वर्ष 2023 में ज्येष्ठ मास अब अपने अंतिम चरणों में हैं। बता दें कि ज्येष्ठ मास में गर्मी अपने चरम पर होती है और गर्मी के कारण प्राकृतिक जल स्रोत, नदी, तालाब कुंद इत्यादि सब सूख जाते हैं। इस मास में सूर्य की तेज रौशनी सीधे धरती पर आती है, जिससे तापमान में वृद्धि हो जाती है। साथ ही इस दौरान मनुष्य के साथ-साथ पशु एवं पक्षियों को भी कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ मास में व्यक्ति को जल संरक्ष्ण पर विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इस महीने में की गई जल की बर्बादी को पाप माना जाता है। साथ ही इस मास में जरूरतमंद लोगों की सेवा को उच्चतम कर्म की श्रेणी में रखा गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ज्येष्ठ मास में व्यक्ति को कम से कम एक बार जल दान अवश्य करना चाहिए। आइए जानते हैं ज्येष्ठ मास से जुड़े कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण और लाभकारी उपाय।
ज्येष्ठ मास में जरूर करें यह कार्य
- जेठ के महीने में गर्मी अपने प्रचंड रूप में होती है। जिस वजह से पानी की खपत बढ़ जाती है। इसलिए इस मास में व्यक्ति को पानी का संरक्षण विशेष रूप से करना चाहिए।
- ज्येष्ठ मास में दान को पुण्य के समान माना जाता है। तेज गर्मी में राहगीरों को जल का दान करने से न केवल देवी-देवता प्रसन्न होते हैं बल्कि, पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- इस भीषण गर्मी पशु-पक्षियों की सेवा करना भी पुण्य माना गया है। इसलिए खुली जगह पर पक्षियों के लिए दाना और पानी की व्यवस्था करें और पशुओं के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था करें।
- हिन्दू पंचांग के तीसरे महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार मनाएं जाते हैं। साथ ही इस महीने में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। इसलिए नितदिन पूजा-पाठ अवश्य करें।
- आयुर्वेद शास्त्र में बताया गया है कि भीषण गर्मी के कारण कई लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है। इसलिए इस मास में अधिक से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए और मसालेदार खाने से परहेज करना चाहिए।