जो लोग गाय में आस्था रखते हैं, वो अपनी आस्था पर चोट लगने के बावजूद भी हिंसा का मार्ग नहीं अपनाते। यह कहना था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का।

उन्होंने कहा कि जो गाय के प्रति आस्था रखते हैं, वह गाय का पालन करते हैं। उनकी बहुत गहरी आस्था को चोट लगने के बावजूद भी हिंसा का मार्ग नहीं अपनाते हैं।
उन्होंने चीनी सामान का बहिष्कार व स्वदेशी के बारे में कहा कि अपने आसपास जो भी गृह उद्योग, कुटीर उद्योग, लघु उद्योग से वस्तुएं बनती है उनको उपयोग में लाना यह स्वदेशी का मूल मंत्र है। स्वदेशी से देश के बेराजगारों को रोजगार मिलता है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी केवल वस्तुओं तक नहीं अपितु मन मे स्वदेश के गौरव का भाव प्रकट होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कार्य, कार्यकर्ता, कार्ययंत्र को सम्भालने के लिए कार्यकर्ता प्रयास करें। कार्यकर्ता गुणों की अपने अंदर निरंतर वृद्धि करता रहे। उन्होनें चर्चा के दौरान स्वयंसेवको के प्रश्नों का जवाब भी दिया।