रेप केस में फंसे जैन मुनि शांति सागर ने आखिरकार कबूल कर लिया है कि उन्होंने लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे. मेडिकल जांच के दौरान उन्होंने डॉक्टर से कहा कि लड़की की सहमती से ही उन्होंने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया था. उन्हें जानबूझकर रेप केस में फंसाया जा रहा है. पुलिस ने जैन मुनि को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
जैन मुनि शांति सागर ने कि वह लड़की को 5-6 महीने से जानते हैं. वह पहली बार मिलने के लिए सपरिवार सूरत आई थी. टीमलियावाड नानपुरा धर्मशाला में लड़की की रजामंदी से उनके बीच शारीरिक संबंध बने थे. जीवन में पहली बार उन्हें किसी लड़की से संसर्ग किया था. डॉक्टर ने उनसे पूछा कि साधु होक ऐसा क्यों किया? इस पर मुनि ने सिर झुका लिया.
बताया जा रहा है कि जैन मुनि बनने के पहले शांति सागर गिरिराज शर्मा हुआ करता था. उसने एक जैन संत के संपर्क में आने के बाद 22 की उम्र में दीक्षा ली. उसके कुछ पुराने जानकारों ने बताया कि वह संत बनने से पहले बेहद मौज-मस्ती भरी जिंदगी जीता था. दीक्षा लेने से पहले शांति सागर मध्य प्रदेश के गुना में रहता था. उसके पिता सज्जनलाल शर्मा हलवाई थे.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जैन मुनि शांति सागर अपने पिता से अलग ताऊजी के साथ गुना में रहता था. वह नए कपड़े, हेयर स्टाइल और फैशनेबल लुक के लिए दोस्तों के बीच मशहूर था. यही नहीं, उसे क्रिकेट खेलना भी पसंद था. लेकिन आगे जाकर वह साधु बन गया.
जेल में बंद जैन मुनि शांति सागर महाराज जेल का खाना नहीं खा रहा है. उसने खाने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उस खाने में प्याज-लहसुन है. हालांकि, जेल प्रशासन ने उसे प्याज-लहसुन रहित खाना मुहैया कराने की कोशिश की, लेकिन खाना नहीं मिल सका.
रेप पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वो अपने माता-पिता के साथ शांतिसागर के आश्रम गई थी. उसे मुनि ने मंत्र जाप करने के बहाने रात में रुकने के लिए कहा और उसके माता-पिता को वापस भेज दिया. इसके बाद मुनि ने लड़की को धमकाते हुए रेप किया और किसी को बताने पर उसके माता-पिता को मार डालने धमकी भी दी.