सजा काट चुके कैदियों को जल्द ही जेलों से रिहा कर दिया जाएगा। सगा-संबंधी न होने के कारण ये कैदी सजा की अवधि पूरी करने के बावजूद जेलों में ही रह रहे हैं। साथ ही, जेल आइजी मिथिलेश मिश्रा ने सभी जेल अधीक्षकों से विदेशी मूल के कैदियों का ब्योरा मांगा है। दरअसल, बिहार की विभिन्न जेलों में पड़ोसी देश पाकिस्तान, बंगलादेश और नेपाल के कई नागरिक बंद हैं।
जेल आइजी का पदभार ग्रहण करने के बाद मिथिलेश मिश्रा गुरुवार को पहली बार राज्य के सभी केंद्रीय, मंडल व उप काराओं के अधीक्षकों, उपाधीक्षकों व जेलरों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस समीक्षा बैठक में जेल डीआइजी नीरज मिश्रा, जेल एआइजी राजीव कुमार मिश्रा व हाजीपुर स्थित ‘बीका’ के निदेशक बीसीपी सिंह समेत सभी वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक में कैदियों की रिहाई पर चर्चा हुई। जेल अधीक्षकों ने बताया कि इनमें कई कैदियों की आयु इतनी अधिक हो चुकी है कि अब वे जेल से बाहर आना नहीं चाहते। जेल आइजी ने ऐसे कैदियों की रिहाई के लिए गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से सहयोग मांगा है।
साथ ही विदेशी मूल के कैदियों की सुरक्षा का भी जायजा लिया। उन्होंने कहा कि यदि किसी जेल में विदेशी मूल के कैदी की सुरक्षा की समस्या है तो उसे पटना या किसी अन्य सुरक्षित जेल में स्थानांतरित किया जाए। समीक्षा में पाया गया कि राज्य की कुछ जेलों में अभी भी बीमार कैदियों के इलाज की समस्या है। ऐसे जेलों में जल्द ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती का भी जेल आइजी ने आश्वासन दिया
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