कोरोना संकट के बीच आम के शौकीनों के लिए खुशबू और मिठास भरी खबर। दशहरी आम का इंतजार बस खत्म होने को है। लखनऊ समेत दिल्ली-मुंबई और कई अन्य शहरों में इस लाजवाब आम की रौनक जून के पहले सप्ताह में बिखरने लगेगी। अब तक इसके पांच सौ टन के ऑर्डर बुक हो चुके हैं। पांच टन की पहली खेप खाड़ी देशों के लिए रवाना भी की जा चुकी है।
दशहरी के घर मलिहाबाद (लखनऊ) में तैयारी चल रही है। लखनऊ की मंडियों में दशहरी की खेप पहली जून को पहुंच जाएगी। इसके साथ ही अन्य प्रदेशों और शहरों की मंडियों में यह आम पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा।
कारोबारियों का कहना है कि जून के पहले हफ्ते के खत्म होते-होते दशहरी देशभर की प्रमुख मंडियों में पहुंच जाएगा। दरअसल, आम के शौकीनों में मलिहाबादी दशहरी की खासी डिमांड रहती है। मंडी खुलते ही दिल्ली, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र और झारखंड सहित तमाम राज्यों के कारोबारी पहुंचकर लदान शुरू करा देते हैं।
मलिहाबाद बेल्ट में मौसम के चलते दशहरी आम का उत्पादन पचीस से तीस प्रतिशत कम हुआ। इसके बावजूद देश के दूसरे शहरों में आम पचास रुपये किलोग्राम तक बिक सकताा है।
दरअसल, कोरोना संकट के चलते निर्यात को लेकर असमंजस है, इसलिए कारोबारी इसे बाहर भेजने के बजाए देश के दूसरे शहरों में भेजना अधिक मुफीद मान रहे हैं।
निर्यातक नदीम का कहना है कि दशहरी का कुल कारोबार ढाई लाख से लेकर तीन लाख क्विंटल तक है। कुल उत्पादन का अधिकांश भाग देश में खपत होता है।
स्थानीय मंडी में आने से पहले ही दशहरी विदेश भेजना शुरू हो गया है। पांच टन आम की पहली खेप दुबई के लिए यहां रहमान खेड़ा स्थित मैंगो पैक हाउस से लोड कर रवाना कर दी गई है।
दशहरी की सीरत और सूरत बनी रहे, इसके लिए प्लांट में हॉटवाटर ट्रीटमेंट दिया जाता है। इसके बाद इसे खास तौर पर बनाए गए डिब्बों में पैक किया जाता है।
दुबई, आबूधाबी, शारजाह, लंदन, इटली, नीदरलैंड यूरोप से लेकर खाड़ी और अमेरिका सहित दुनिया भर के पचास से अधिक देशों में दशहरी का स्वाद जबान पर चढ़ा है।
कोरोना के चलते दशहरी के निर्यात पर थोड़ा असर तो पड़ा है, लेकिन इसके बावजूद डिमांड को पूरा कर पाना निर्यातकों के पसीने छुड़ा रहा है। जून शुरू भी नहीं हुआ है और अब तक पांच सौ टन से अधिक दशहरी के आर्डर दुनिया भर से आ चुके हैं।