अब सवाल ये उठता है कि क्या राहुल गांधी झूठे आरोप लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरे देश से माफी मांगेंगे? तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव में जीत के जश्न में डूबे राहुल गांधी को राफेल सौदे पर तगड़ा झटका लगा है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को इस मामले में क्लीन चिट देते हुए जांच की मांग करने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं है.
राफेल सौदे में शीर्ष अदालत के इस निर्णय ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि राहुल गांधी राजनीतिक रूप से कितने अपरिपक्व हैं, आखिर उन्होंने किस आधार पर पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमला किया था? उल्लेखनीय है कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार के सवाल खड़ने करने वाले सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ही थे, यहां तक कि उन्होंने इस सौदे की आड़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चोर तक कह डाला था.
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11 दिसंबर से लेकर विपक्ष संसद में राफेल मुद्दे को लेकर हंगामा मचाता रहा है, इस फैसले के साथ ही विपक्ष की इस मुद्दे पर हंगामा खड़ा करने की मुहिम भी ठप्प हो गई है. राहुल गांधी और कांग्रेस इस सौदे को लेकर जेपीसी की मांग कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट से मिली क्लीन चिट के बाद मोदी सरकार आसानी से कांग्रेस की इस मांग को रद्द कर सकेगी.