बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर के मोर्चे पर सरकार को बड़ी सफलता मिली है। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में सोमवार को हुई जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक में आखिरकार दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर सहमति बन गयी। जीएसटी लागू होने पर सालाना 1.5 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले असेसीज में से 90 प्रतिशत असेसीज का असेसमेंट राज्य सरकारें करेंगी जबकि शेष 10 प्रतिशत का असेसमेंट केंद्र करेगा। वहीं 1.5 करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक कारोबार वाले व्यवसाइयों में से 50 प्रतिशत केंद्र और 50 प्रतिशत राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आएंगे। एक असेसी का असेसमेंट केंद्र या राज्य दोनों में से एक ही अथॉरिटी करेगी। हालांकि जीएसटी अब एक अप्रैल के बजाय एक जुलाई 2017 से लागू हो पाएगा। दिनभर चली जीएसटी काउंसिल की केंद्र सरकार असेसीज पर नियंत्रण के संबंध में राज्यों की मांग को मानने को तैयार हो गया, जिसके बाद इस मुद्दे पर सहमति बनी। राज्यों की मांग थी कि जीएसटी के असेसीज का क्षैतिज वितरण वार्षिक टर्नओवर के आधार पर किया जाए। बैठक के बाद जेटली ने कहा कि कानूनी तौर पर तटीय क्षेत्रों में समुद्र में 12 नॉटिकल मील दूर तक आर्थिक गतिविधियों पर टैक्स लगाने का अधिकार केंद्र को है लेकिन जीएसटी के संबंध में राज्य भी टैक्स कलेक्शन कर सकेंगे। हालांकि इस संबंध में संवैधानिक अधिकार केंद्र के पास ही होगा। पढ़ेंः जीएसटी के लिए 1 जुलाई नई डेडलाइन, काउंसिल की नवीं बैठक में भी दोहरे नियंत्रण पर मामला अनसुलझा जेटली ने यह भी कहा कि इंटीग्रेटेड-जीएसटी में एक राज्य से दूसरे राज्य वस्तुओं और सेवाओं की खरीद बिक्री पर टैक्स लगाने और वसूलने की शक्तियां केंद्र के पास होंगी लेकिन कानून में विशेष प्रावधानों के जरिए राज्यों को भी इस संबंध में दोहरी शक्तियां दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 18 फरवरी को होगी। इस बैठक में आइजीएसटी सहित अन्य विधेयकों के मसौदे को मंजूरी दी जाएगी। जेटली ने कहा कि वास्तविक दृष्टिकोण से देखें तो जीएसटी लागू होने की संभावित तारीख अब एक जुलाई दिखायी देती है। पहले सरकार ने एक अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू करने का लक्ष्य रखा था। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि उन्होंने काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव पर असहमति जतायी कि सालाना डेढ़ करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले असेसीज में से 90 प्रतिशत पर राज्य तथा 10 प्रतिशत पर केंद्र का अधिकार हो। उन्होंने कहा कि डेढ़ करोड़ रुपये से कम के सालाना कारोबार वाले असेसीज पर राज्यों का पूर्ण नियंत्रण होना चाहिए। इससे पहले केरल के वित्त मंत्री थॉमस आइजैक ने दावा किया कि दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर काउंसिल की बैठक में कोई सहमति नहीं बनी।