बीते एक महीने में पुरानी शराब नीति लागू होने के बाद सरकार को 768 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। पुरानी नीति के तहत दिल्ली में अभी तक करीब 460 दुकानें खुली हैं, जबकि इस माह में 500 दुकानें खोली जानी थी। इस दौरान कुल 291 लाख शराब की बोतलों की बिक्री हुई है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने जुलाई में शराब की नई नीति में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। जिसके बाद दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 को वापस ले लिया था।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘एक सितंबर से लागू मौजूदा नीति के तहत 768 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है, जिसमें 460 करोड़ रुपये उत्पाद शुल्क और 140 करोड़ रुपये वैट के शामिल है। मौजूदा नीति के तहत, दिल्ली सरकार के चार निगमों- डीटीटीडीसी, डीएसआईआईडीसी, डीएससीएससी, डीसीसीडब्ल्यूएस ने शहर भर में खुदरा दुकानें खोली हैं।
आबकारी विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक, यह राजस्व अलग-अलग मद में मिला है। एक्साइज ड्यूटी के रूप में सरकार को 460 करोड़ का राजस्व मिला है। शराब पर लगने वाले वैट से 140 करोड़ मिले हैं। इसके अलावा देशी शराब की बिक्री से 30 करोड़, एल1 लाइसेंस (शराब होलसेल) से 44 करोड़, एल6 (शराब की दुकान) लाइसेंसधारियों से 26 करोड़ और होटल, क्लब और बार के लाइसेंस व शराब बिक्री से कुल 85 करोड़ का राजस्व मिला है।
यह भी जानें
– एक सितंबर को लागू हुई थी पुरानी शराब नीति।
– राजधानी में 460 के करीब शराब की दुकानें खुली है।
– 768 करोड़ का राजस्व मिला एक माह में आबकारी विभाग को
– इस दौरान 291 लाख बोतल की बिक्री हुई राजधानी में।
– 460 करोड़ एक्साइज ड्यूटी से मिला।
– 140 करोड़ वैट के जरिए मिला राजस्व।