जाने एकादशी वर्त के लाभ

भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी का पावन व्रत रखा जाता है। भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित इस व्रत का फल अश्वमेघ यज्ञ से मिलने वाले पुण्य से भी अधिक माना गया है। एकादशी व्रत को मोक्षदायी बताया गया है। इस व्रत का पालन श्रद्धा और भक्तिभाव से करने पर भगवान श्री हरि विष्णु अति प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के सभी दुखों का निवारण कर देते हैं। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से राजा हरिशचंद्र को अपना राज्य वापस मिल गया था।

इस व्रत का संकल्प लेने वालों को सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाना चाहिए। पूजा स्थल की साफ-सफाई कर भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। व्रत कथा का पाठ करें। इस दिन निराहार रहते हुए शाम को फलाहार किया जाता है। इस व्रत में साधु-संतों को भोजन कराने के पश्चात दक्षिणा दें और इसके बाद स्वयं भोजन करें। इस व्रत के प्रभाव से तीर्थों में दान-स्नान, कठिन तपस्या और अश्वमेघ यज्ञ से भी अधिक पुण्य फल प्राप्त होता है। इस व्रत में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। नारायण और माता लक्ष्मी की आरती करें। व्रत के अगले दिन द्वादशी को ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन कराएं और सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा दें। माना जाता है कि इस व्रत में एकादशी की कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य का उद्धार हो जाता है। एकादशी व्रत के दिन किसी पर भी क्रोध नहीं करना चाहिए। न ही झूठ बोलना चाहिए।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com