पीएम मोदी ने वर्ष 2018 में लालकिले की प्राचीर से 82 मिनट का भाषण दिया जो 15 अगस्त को दिया गया उनका तीसरा सबसे बड़ा संबोधन था। उन्होंने वर्ष 2017 में स्वतंत्रता दिवस पर अपना सबसे छोटा भाषण दिया था जो 54 मिनट का था। इसी तरह 2014 को लाल किले की प्राचीर से जब उन्होंने पहली बार देश को संबोधित किया था, तब उन्होंने 65 मिनट का भाषण दिया था। साल 2015 में उनका संबोधन 86 मिनट का था और 2016 में उनका भाषण 94 मिनट का था। उनके हर भाषण में कुछ खास था। जानें सिलसिलेवार उनके दिए भाषणों की कुछ खास बातें।
2020
कोरोना के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेको लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं।
विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, बात वही पर खत्म नहीं हुई। भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी।
गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो।
2019
अगर 2014 से 2019 आवश्यकताओं की पूरी का दौर था तो 2019 के बाद का कालखंड देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का कालखंड है, उनके सपनों को पूरा करने का कालखंड है।
सबका साथ, सबका विकास’ का मंत्र लेकर हम चले थे लेकिन 5 साल में ही देशवासियों ने ‘सबका विश्वास’ के रंग से पूरे माहौल को रंग दिया।
समस्याओं का जब समाधान होता है तो स्वावलंबन का भाव पैदा होता है, समाधान से स्वालंबन की ओर गति बढ़ती है। जब स्वावलंबन होता है तो अपने आप स्वाभिमान उजागर होता है और स्वाभिमान का सामर्थ्य बहुत होता है।
मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया गया, आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून में संशोधन किया गया।
2018
लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री ने इस बार प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान, देश की अर्थव्यवस्था में सुधार, मुद्रा योजना एवं स्वच्छ भारत मिशन के सकारात्मक प्रभाव, जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर, माओवाद, किसानों, तीन तलाक विरोधी विधेयक और कई अन्य मुद्दों के बारे में बात की।
देश के बेटियों ने कमाल किया और हमारे दूर-सुदूर के आदिवासी बच्चों ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा कर इसकी शान को और बढ़ा दिया है. हमारा देश दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था बना है।
2017
देश में आज आजादी के जश्न के साथ जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस परिप्रेक्ष्य में सुदर्शन चक्रधारी से लेकर चरखा धारी मोहन तक के हम आभारी हैं यह आजाद भारत के लिए विशेष वर्ष ह।
इस वर्ष चंपारण आश्रम और साबरमती आश्रम की स्थापना के 100 साल और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक द्वारा शुरू किए गए गणेश उत्सव का 125वां वर्ष है।
न्यू इंडिया का संकल्प लेकर हमको आगे बढ़ना है। पांच साल के लिए ‘न्यू इंडिया’ का संकल्प लें। 2022 तक शक्तिशाली और समृद्ध ‘न्यू इंडिया’ बनाएंगे
21वीं सदी में जन्म लेने वाले युवाओं को आगे बढ़ने का निमंत्रण देता हूं। देश की तरक्की में भागीदार बनें, देश आपको निमंत्रण देता है।
‘चलता है’ का जमाना चला गया अब ‘बदल गया’ का जमाना लाना है।
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दुनिया ने लोहा माना है आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारा साथ देने वाले देशों को धन्यवाद।
2016
सरदार पटेल ने देश को एक किया, अब हमारा दायित्व है देश को श्रेष्ठ बनाएं। शासन को जनता के लिए उत्तरदायी होना चाहिए। ऐसा न होने पर आम लोगों की समस्याएं ऐसे की ऐसी ही रहती हैं। बदलाव नजर नहीं आता। शासन को संवेदनशील होना चाहिए।
पहले जब जब किसी बड़े अस्पताल में जाना हो तो कितने दिनों तक इंतजार करना पड़ता था। एम्स में 2-3 दिन के बाद जांच शुरू होती थी। अब व्यवस्था बदल गई है और सब ऑनलाइन है।
आज 70 साल में लोगों की मानसिकता बदली है। यहां पुरानी रफ्तार से काम नहीं हो सकता, हमें अपने काम की रफ्तार को और तेज करना होगा।
एक समय था कि जब घर में गैस-चूल्हा हो तो उसे सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता था। आज घर में कार हो, तो उसको प्रतिष्ठा का विषय माना जाता है। 60 साल में 14 करोड़ लोगों को रसोई गैस का कनेक्शन दिया गया था, वहीं हमने 60 सप्ताह में 4 करोड़ नए रसोई गैस कनेक्शन दिए।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना मुश्किल काम था। इतने साल से बैंकिंग व्यवस्था थे, बैंक थे, लेकिन फिर भी आबादी के एक बड़े वर्ग के पास बैंक खाता नहीं है। हमने 21 करोड़ परिवारों को जन-धन योजना से जोड़कर असंभव से संभव हुआ। यह सरकार की उपलब्धि नहीं, बल्कि सवा सौ करोड़ नागरिकों की उपलब्धि है।
2015
भारत वो देश है जो अपने पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध बढ़ाकर आगे बढ़ना चाहता है। हम अपने पड़ोसी को खुश होता देख खुश होते हैं।
भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए हमेशा से ही प्रतिबद्ध रहा है। कोई इन सीमाओं की तरफ गलत निगाह रखेगा तो उसको कड़ाई से जवाब देने की ताकत हमारी सेना रखती है।
देश की सुरक्षा के लिए हर रोज डिफेंस के क्षेत्र में नए कदम उठाए जा रहे हैं। इस संबंध में दिया जाने वाला फंड भी पहले से कहीं अधिक है।
अब वक्त है जब हम भारत को विश्व की ताकत बनाने के लिए काम करें। इसमें आपका साथ चाहिए। हमें भारत को ही आगे नहीं बढ़ाना है बल्कि दुनिया को भी साथ लेकर चलना है।
2014
15 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से कई बड़ी घोषणाएं की थी। लाल किले की प्राचीर से देश के नाम अपने पहले भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले संसद में सरकार की रणनीति की रूपरेखा पेश की थी। नरेन्द्र मोदी ने कहा था, “हम बहुमत के बल पर चलने वाले लोग नहीं हैं, हम बहुमत के बल पर आगे बढ़ना नहीं चाहते हैं। हम सहमति के मजबूत धरातल पर आगे बढ़ना चाहते हैं।”यहां से ही उन्होंने अपने भाषण में ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ की घोषणा की थी।