यदि महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण और अर्जुन शामिल न होते तो महाभारत का युद्ध कुछ और ही तरीके से बयां किया जाता। लेकिन विचार करने वाली बात है कि महाभारत युद्ध में कई योद्धा युद्ध के मैदान में जाने वाले थे। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के सारथी क्यों बने? वह अमूमन अर्जुन का ही साथ क्यों देते थे?
श्रीकृष्ण को प्रिय थे अर्जुन!
धैर्य: कहते हैं जिस मनुष्य में धैर्य होता है, वह अपने आप ही महान बन जाता है। और अर्जुन बुद्धिमान, ताकतवर होने के साथ धैर्यवान थे।
विवेक: कोई भी काम हो उसे करने का एक सही समय होता है। अर्जुन इस बात का हमेशा ध्यान रखते थे। उनकी यह विवेकशीलता श्री कृष्ण को पसंद थी। पराक्रम: महाभारत के सभी पात्रों में से केवल अर्जुन ही एकमात्र ऐसे योद्धा थे, जो कि किसी भी चुनौती या परेशानी का सामना करने में समर्थ थे।
बल: अर्जुन में शारीरिक बल के साथ-साथ मानसिक बल भी था। इसीलिए वह चतुराई से मुश्किलों को दूर करने की क्षमता रखते थे।