अभिनेत्री श्रीदेवी का अंतिम संस्कार 28 फरवरी की शाम को मुंबई में हुआ है। अभी उनके अंतिम संस्कार को 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि सोशल मीडिया पर एक छोटी सी बच्ची का वीडियो वायरल होने लगा। हैरानी की बात ये है कि इस बच्ची के वीडियो को श्रीदेवी का पुनर्जन्म बता कर वायरल किया जा रहा है।आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे 24 फरवरी को दुबई में श्रीदेवी की मौत होने के बाद से अब तक सोशल मीडिया पर गफलत फैलाने वाली कई तस्वीरें और वीडियो सामने आ चुके हैं।
इस कड़ी में एक तस्वीर सबसे अधिक वायरल हुई। इसके माध्यम से लोगों को भ्रमित किया गया। दरअसल हुआ यूं कि जब दुबई में श्रीदेवी की मौत हुई तो इस तस्वीर को यह कहकर वायरल किया गया कि ये श्रीदेवी की मौत के बाद सामने आई उनकी पहली तस्वीर है। इसमें एक महिला की डेडबॉडी सफेद कपड़े में लिपटी हुई दिखाई गई थी। बस फिर क्या था लोगों ने ताबड़तोड़ इसे शेयर करना शुरू कर दिया।
जब तक तस्वीर का सच सामने आता यह तमाम लोगों के बीच जा चुकी थी। बाद में तस्वीर का सच सामने आया जिसमें पता चला कि वह श्रीदेवी की असल तस्वीर नहीं थी। वह तो कल्पना नाम की साउथ एक्ट्रेस की तस्वीर थी। बताया जाता है कि कल्पना की मौत भी हार्ट अटैक से ही हुई थी।
श्री देवी के नाम पर वायरल गफलत फैलाने का सिलसिला यहीं नहीं थमा और इसके बाद सामने आया एक वीडियो। इसे श्रीदेवी के अंतिम संस्कार का वीडियो बताया गया जबकि वह बोनी कपूर की पहली पत्नी मोना के अंतिम संस्कार का वीडियो था जिसमें बोनी कपूर समेत उनका पूरा परिवार नजर आ रहा था। इस वीडियो पर भी लोगों ने आंख मूंदे विश्वास कर लिया।
अब श्रीदेवी के निधन के बाद एक और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक बच्ची को श्रीदेवी के पुनर्जन्म से जोड़कर दिखाया जा रहा है। बता दें श्रीदेवी की मौत के महज पांच दिन बाद सोशल मीडिया पर इस छोटी सी बच्ची का वीडियो वायरल हुआ है। बच्ची को श्रीदेवी का पुनर्जन्म बताया जा रहा है।
कुछ मीडिया चैनलों में भी इसकी खबर फ्लैश की गई है। जहां श्रीदेवी के निधन पर सिनेमा जगत के साथ-साथ पूरा देश दुखी है, वहीं श्रीदेवी की मौत के बाद से अभी तक सोशल मीडिया पर छिछालेदर जारी है।
ताजा वायरल वीडियो में यह बात कही गई है कि 54 साल की अभिनेत्री श्रीदेवी की मौत के ठीक बाद इस बच्ची ने जन्म लिया है और इस बच्ची का चेहरा हूबहू श्रीदेवी से मिलता है।
इसकी पड़ताल हुई तो पता चला कि यह वायरल वीडियो पिछले साल मई महीने में यूट्यूब पर शेयर किया गया था। इससे साफ हो गया कि वीडियो वायरल करने के लिए ऐसा किया गया है।
आप सभी से अमर उजाला की अपील है, इस प्रगतिशील युग में इस तरह की बातों पर भरोसा न करें। अगर आप ऐसे वीडियो पर यकीन करते हैं और उन्हें शेयर करते हैं तो इससे उन लोगों का फायदा होता है जो ये गलत संदेश फैलाकर समाज को भ्रमित कर रहे हैं। इसलिए हर वीडियो व वायरल तस्वीरों को पहले अच्छी तरह जांचे और भेजने वाले की मंशा को भी भांप लें। अगर संदेश समाज के लिए सही हो तभी उसे आगे शेयर करें।