74 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनने के लिए देश-दुनिया भर के लोग उत्सुक थे। लालकिले की प्राचीर से पीएम मोदी के भाषण ने देश के युवाओं में जोश भरने का काम किया, साथ ही पड़ोसी देशों को एक चेतावनी भी दी।
एक बात ये भी है कि जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहीं से भाषण देते हैं या वो राष्ट्र के नाम संदेश जारी करते हैं तो लोगों को उनको सुनने की उत्सुकता रहती है। हर कोई जानना चाहता है कि पीएम क्या संदेश देना चाह रहे हैं। जब वो देश के लोगों को संबोधित करते हुए सवा सौ करोड़ देशवासियों, भाईयों और बहनों कहते हैं तो लोग ठिठक जाते हैं। वो एकटक लगाए सबकुछ ध्यान से सुनना चाहते हैं।
यही कारण है कि पीएम मोदी की अपने भाषणों को लेकर खासी लोकप्रियता है। वो अपने भाषणों के लिए भी रिकॉर्ड बना चुके हैं। साल 2014 के बाद से अब तक वो सबसे अधिक समय तक भाषण देने का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं। जबकि उनसे पहले के किसी प्रधानमंत्री ने इतने समय तक लालकिले की प्राचीर से भाषण ही नहीं दिया।
शनिवार को पीएम मोदी का लाल किले से दिया गया भाषण कई मायनों में महत्वपूर्ण था। साल 2014 के बाद से वो लगातार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर पर झंडा फहराने के बाद देश को संबोधित कर रहे हैं। साथ ही अपने पड़ोसियों और देश के साथ बेहतर संबंध रखने वालों का स्वागत भी करते रहे हैं। यदि साल 2014 से पीएम मोदी के भाषणों की बात करें तो उन्होंने साल 2016 में सबसे अधिक 94 मिनट तक भाषण दिया था। यदि सबसे छोटे भाषण की बात करें तो वो साल 2017 में मात्र 56 मिनट का था।
साल 2014 में जब बीजेपी पूर्ण सत्ता में आई थी, उसके बाद स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया था, उस समय का उनका भाषण 65 मिनट का था। जबकि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह लाल किले की प्राचीर से कभी भी 50 मिनट से अधिक बोले ही नहीं। यदि इन दोनों प्रधानमंत्रियों के भाषणों की तुलना की जाए तो मनमोहन सिंह ने कभी इतने समय तक भाषण ही नहीं दिया जबकि मोदी साल 2014 में 94 मिनट और साल 2019 में 93 मिनट तक भाषण दे चुके हैं।
साल 2015 में उन्होंने 86 मिनट तक भाषण दिया था, उसके बाद आज 5 साल के बाद फिर वो 86 मिनट तक ही बोले। ये महज एक इत्तेफाक ही कहा जाएगा कि 5 साल के बाद भाषण का समय एक ही रहा। साल 2016 में मोदी 94 मिनट तक बोले थे जबकि साल 2019 में वो 93 मिनट तक बोले थे। इसमें मात्र एक मिनट का अंतर रहा था। यदि मोदी के कुल भाषणों की तुलना करें तो उनका लंबा भाषण साल 2016 का था जिसमें वो 94 मिनट तक बोले थे। जबकि उससे अगले साल ही उनका सबसे छोटा भाषण हुआ था जिसमें वो मात्र 56 मिनट तक बोले थे।
साल भाषण का समय
2020 – 86 मिनट
2019 – 93 मिनट
2018 – 82 मिनट
2017 – 56 मिनट
2016 – 94 मिनट
2015 – 86 मिनट
2014 – 65 मिनट
– 2016 में सबसे लंबा भाषण कुल 94 मिनट तक बोले थे।
– 2017 में सबसे छोटा भाषण कुल 56 मिनट तक बोले थे।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह लाल किले की प्राचीर से कभी भी 50 मिनट से ज्यादा समय नहीं बोले।