ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के ऊपर भगवान शनि की कृपाा होती है। उन्हें हर क्षेत्र में सफलका मिलने के साथ शारीरिक और आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। जानिए शनि साढ़े साती से निजात पाने के उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव को कर्मफल दाता, न्यायकर्ता माना जाता है। वह व्यक्ति को उसके कर्मो के हिसाब से फल देते हैं। भगवान सूर्य के पुत्र के साथ कर्मफल दाता शनि देव पितृ शत्रु ग्रह के स्वामी हैं। शनिदेव के नाम लेते हैं कि जातक काफी डर जाते हैं। लेकिन सच्चाई है कि यह ग्रह उतना अशुभ और मारक नहीं है, जितना इसे माना जाता है। शनि ग्रह मित्र भी माना जाता है। अब क्या आपके ऊपर भी शनि देव अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं या नहीं, आप आसानी से जान सकते हैं। इसके साथ ही जानिए कैसे करें शनि साढ़े साती के दुष्प्रभाव को कम।
इन लोगों के ऊपर होती है शनिदेव की कृपा
कू ऐप पर मौजूद हस्तरेखा विशेषज्ञ और ज्योतिष राजीव द हीलर ने एक वीडिय़ो शेयर किया है। इसमें उन्होंने शनिदेव की कृपा से जुड़ी शानदार जानकारी दी है। उनके मुताबिक, वो लोग खुद के पैरों पर खड़े होने वाले होते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो ये व्यक्ति कठिन से कठिन समय में भी किसी की सहायता लेना पसंद नहीं करते हैं। भले ही ये व्यक्ति गरीबी और कठिनाई में रह लेंगे, लेकिन किसी के सामने अपने हाथ नहीं फैलाएंगे। ये व्यक्ति अपना करियर शून्य से शुरू करते हैं और आगे चलकर एक बड़े मुकाम पर पहुंचते हैं और दूसरों के लिए मिसाल बन जाते हैं। ऐसे लोगों के ऊपर शनिदेव की असीम कृपा होती है।
राजीव के मुताबिक, ऐसे लोगों को पहचानना हो तो बचपन में इन लोगों को टांग में चोट जरूर लगती है या फिर बचपन में हड्डियों से जुड़ी परेशानियां होती हैं। इसके अलावा पैर या हाथ की हड्डी में फ्रैक्चर और पैरों में मोच, मांसपेशियों में दर्द, चोट लगती है।
शनि की साढ़े साती ऐसे करें बचाव
- राजीव ने दूसरे कू पोस्ट में शनि की साढ़े साती से बचने के लिए भी आसान से उपाय बताए हैं। अगर आपकी कुंडली में भी शनि की साढ़े साती हैं, तो ये उपाय अपना सकते हैं।
- काले घोड़े की चार कीलें बनवाकर अपने घर के चारों कोनों में लगा दें, इससे शनिदेव के नकारात्मक प्रभाव कम हो जाएंगे।
- अगर घोड़े की नाल का छल्ला नहीं पहन सकते, तो इसे अपनी तिजोरी या पर्स में रख लें, इससे धन की कमी दूर होगी। इसके साथ ही शनि दोष का प्रभाव कम होगा।
- शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने के साथ सरसों का तेल अर्पित करें। इसके साथ ही उनके समक्ष दीपक जलाएं।