चेन्नई : बैलों की लड़ाई के खेल जल्लीकट्टू से पाबंदी हटवाने का आंदोलन पूरे तमिलनाडु में जोर पकड़ता जा रहा है. बुधवार से चेन्नई के मरीना बीच पर करीब 50 हजार छात्र महिलाएं और बच्चे जमा हैं. लोगों के बढ़ते गुस्से को देख सीएम ओ पन्नीरसेल्वम गुरुवार को नरेंद्र मोदी से मिलकर फौरन एक अधिसूचना जारी करने की मांग करेंगे. उधर, शशिकला ने बुधवार को कहा कि पाबंदी हटाने के लिए विधानसभा के अगले सत्र में प्रस्ताव पारित किया जाएगा.
बता दें कि सबसे पहले मदुरई के अलंगानल्लुर में मंगलवार को जल्लीकट्टू पर से बैन हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन हुआ था. इस दौरान पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया . जब यह खबर चेन्नई तक पहुंची और लोग मरीना बीच पर इकट्ठा होने लगे. मंगलवार शाम तक करीब 3000 लोग यहां जमा हो गए. बाद में इन्होंने कैंडल मार्च भी निकाला. पुलिस ने इन्हें हटाने के लिए यहां की बिजली भी बंद कर दी। लेकिन लोग अपने मोबाइल की रोशनी में नारेबाजी कर बुधवार की सुबह तक डटे रहे. धीरे-धीरे इस प्रदर्शन का समर्थन बढ़ने लगा. हालाँकि सीएम पन्नीरसेल्वम ने प्रदर्शनकारी छात्रों से आंदोलन खत्म करने की अपील की.लेकिन मरीना बीच पर जुटे छात्रों ने सीएम की अपील खारिज करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पाबंदी हटने तक उनका शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रहेगा.
आपको बता दें कि तमिलनाडु में जल्लीकट्टू पर 2014 से प्रतिबन्ध लगा हुआ है. पिछले साल, जयललिता ने केंद्र से जल्लीकट्टू पर से प्रतिबन्ध हटाने की मांग की थी. केंद्र सरकार ने 8 जनवरी को एक अधिसूचना जारी कर पाबंदी हटा दी थी. इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के फैसले को चुनौती दी गई.सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा है. राज्य सरकार की मांग थी कि सुप्रीम कोर्ट पोंगल के पहले इस पर अपना निर्णय दे दे. लेकिन ऐसा नहींं हुआ. इसके बाद आंदोलन ने यह रूप अख्तियार कर लिया.
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